प्यारे करुँगी कपोलन लाल - भजन (Pyare Karongi Kapol Lal)


प्यारे करुँगी कपोलन लाल, लाल मेरी अंगिया न छुवौ
प्यारे करुँगी कपोलन लाल, लाल मेरी अंगिया न छुवौ ॥1॥
यह अंगिया नहीं धनुष जनक को, छुवत टूट्यो तत्काल ।
नहीं अंगिया गौतम की नारी, छूवत उठी नंदलाल ॥2॥

कहा विलोकत भृकुटी कुटिल कर, नहीं ये पूतना ख्याल ।
यह अंगिया काली मत समझो, जाय नाथ्यो पाताल ॥3॥

गिरिवर ऊठाय भयौ गिरिधारी, नहीं जान्यो ब्रजबाल ।
जावौजी खेलौ सखन संग मिली, गौरव के प्रतिपाल ॥4॥

इतनी सुन मुसिकाय सांवरो, लीनौ अबीर गुलाल ।
सूरदास प्रभु निरखि छिरकि अंग,सखियन कियौ निहाल ॥5॥
Bhajan Shri Krishna BhajanBrij BhajanBaal Krishna BhajanBhagwat BhajanJanmashtami BhajanShri Shayam BhajanHoli BhajanPhagun BhajanPushti Marg BhajanSurdas BhajanShrinath Ji BhajanNathdwara Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

ऊँचे पर्वत गुफा न्यारी जहाँ मां भवन बना बैठी: भजन

ऊँचे, पर्वत, गुफा न्यारी, जहाँ मां, भवन बना बैठी ॥

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला - भजन

श्री रामअवतार स्तुति बधाई, सोहर, जन्मदिन अवसरों पर लोकप्रिय है। भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौसल्या हितकारी ।

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में - भजन

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में, देख लो मेरे मन के नागिनें में।

तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये - भजन

साँची ज्योतो वाली माता, तेरी जय जय कार। तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं आया मैं आया शेरा वालिये।

इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी - भजन

इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी, ब्रज/वृंदावन में आ गए।