प्रेम सदा भरपूर रहे शनि देव के चरणों में,
करे अर्जी मेरी मंजूर मेरे शनि देव के चरणों में,
प्रेम सदा भरपूर रहे शनि देव के चरणों में ॥
हर पल मुझको तेरा ध्यान रहे तन अर्पित निज सब कर्मो में,
मन ध्यान तुम्ही में मगन रहे बस सेवा तुम्हारे चरणों में,
यही जीवन का है मोल समज लेना तेरे चरणों में,
प्रेम सदा भरपूर रहे शनि देव के चरणों में ॥
BhaktiBharat Lyrics
दूर दूर से दुखियां आते है और शीश याहा पे झुकाते है,
कोई मांग रहा खुशियों के पल सब याहा आप के चरणों में,
कष्टों को करना दूर बड़ा मजबूर तेरे चरनो में,
प्रेम सदा भरपूर रहे शनि देव के चरणों में ॥