प्रथम पूज्य है सब देवो में,
जाने दुनिया सारी जय हो गणपति गज मुख धारी,
आप निराले और आप छवि है सबसे न्यारी,
जय हो गणपति गज मुख धारी ॥
गिरजा माँ के प्यारे है शिव शंकर के दुलारे है,
रूप चतुर भुज धारे है सारे काज सवार है,
आन पधारो आज सभा में करके मुस सवारी,
जय हो गणपति गज मुख धारी ॥
ऐसा जामुन खाते है लडूवन भोग लगाते है,
सारे विघ्न मिटाते है विघ्ननेश्वर कहलाते है,
ओह भय हारी हो शुभ कारी महिमा आप की प्यारी,
जय हो गणपति गज मुख धारी ॥
BhaktiBharat Lyrics
जो भी ध्यान लगाते है मन बंचित फल पाते है,
श्रद्धा से जो मनाते है कार्य सफल हो जाते है,
चरण कमल पे विवेक पड़ा है,सुन लो अर्ज हमारी,
जय हो गणपति गज मुख धारी ॥