साखी
जो गणपति को ध्याये,परम सुखी हो जाए ।
जो शंकर को पूजे,विपदा पास न आए ॥
राम नाम के जप से,मन पावन हो जाए ॥
गोपाला जो बोले, भव सागर तर जाए ॥
प्रभुजी तुम बिन कौन सहारा ।
कौन है पालनहारा,कौन है पालनहारा ॥
जय गणपति सिद्धि विनायक जय ।
जय गणपति जय सुख दायक जय ॥
काली राते उजियारे दिन सब है महिमा तेरी ।
और कहीं अब जाऊं न भगवन तुझमें श्रद्धा मेरी ॥
राह दिखाई तुने मुझको छाया जब अंधियारा ॥
कौन है पालनहारा..कौन है पालनहारा ॥
जय शंकर कष्ट निवारक जय।
जय भोले जग के पलक जय ॥
कल क्या होगा जानू ना मैं सब कुछ तुझपे छोड़ा।
तूने मुझको पास बिठाया जब सबने मुख मोड़ा ॥
तू ही सच्चा मीत कहाये,बेगाना जग सारा ॥
कौन है पालनहारा..कौन है पालनहारा।
बोलो राम सिया राम।
जपो राम सिया राम ॥
दुःख सुख मेला धूप छांव का,आते जाते रहना ।
जाने कब तक और रहेगा इन सांसों का गहना ॥
तूने उसको दिया सहारा,जिसने तुझे पुकारा ॥
प्रभुजी...तुम बिन कौन सहारा ।
कौन है पालनहारा कौन है पालसंहारा ॥
बोलो जय राधेश्याम ।
घनश्याम राधे श्याम ॥
प्रभुजी तुम बिन कौन सहारा ।
कौन है पालनहारा कौन है पालनहारा ॥
जय गणपति सिद्धि विनायक जय।
जय गणपति जय सुखदायक जय ॥