प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो - भजन (Prabhuji More Avgun Chit Naa Dharo)


प्रभुजी मोरे/मेरे अवगुण चित ना धरो,
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो,
चाहो तो पार करो ।
एक लोहा पूजा मे राखत,
एक घर बधिक परो ।
सो दुविधा पारस नहीं देखत,
कंचन करत खरो ॥
प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो..

प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो,
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो,
चाहो तो पार करो ।

एक नदिया एक नाल कहावत,
मैलो नीर भरो ।
जब मिलिके दोऊ एक बरन भये,
सुरसरी नाम परो॥
प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो..

प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो,
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो,
चाहो तो पार करो ।

एक माया एक ब्रह्म कहावत,
सुर श्याम झगरो ।
अब की बेर मुझे पार उतारो,
नही पन जात तरो ॥
प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो..

प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो,
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो,
चाहो तो पार करो ।

आरती कुंजबिहारी की | आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन | श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं | आरती श्री बाल कृष्ण जी की | ॐ जय जगदीश हरे | मधुराष्टकम्: धरं मधुरं वदनं मधुरं | कृष्ण भजन | अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं | श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी
Prabhuji More Avgun Chit Naa Dharo - Read in English
Prabhuji More Avgun Chit Na Dharo, Samdarshi Prabhu Naam Tiharo, Chaho to Paar Karo ।
Bhajan Shri Krishna BhajanBrij BhajanBaal Krishna BhajanBhagwat BhajanJanmashtami BhajanShri Shayam BhajanMeera BhajanMeera Bai BhajanSur Dasji Bhajan

अन्य प्रसिद्ध प्रभुजी मोरे अवगुण चित ना धरो - भजन वीडियो

प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो - Krishna Chandra Thakurji

अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को - भजन

जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया, ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है...

भजन: भरोसा कर तू ईश्वर पर

भरोसा कर तू ईश्वर पर, तुझे धोखा नहीं होगा । यह जीवन बीत जायेगा, तुझे रोना नहीं होगा ॥ कभी सुख है कभी दुख है...

ज्योत से ज्योत जगाते चलो - भजन

ज्योत से ज्योत जगाते चलो, प्रेम की गंगा बहाते चलो, राह में आये जो दीन दुखी, सब को गले से लगते चलो...

तू प्यार का सागर है: भजन

तू प्यार का सागर है, तेरी एक बूँद के प्यासे हम। लौटा जो दिया तूने, चले जायेंगे जहां से हम..

​तोरा मन दर्पण कहलाए - भजन

​तोरा मन दर्पण कहलाए, भले, बुरे, सारे कर्मों को, देखे और दिखाए ...