पालकी सोने की,
मेरे राम प्रभु की आई,
विराजे राघव जी,
संग सीता चारों भाई ॥
सुंदर सुंदर रत्न जड़ें है,
हाथ जोड़ सब भक्त खड़ें है,
भला करे रघुराई,
पालकी सोने कि,
मेरे राम प्रभु की आई ॥
पवन देव पथ साफ करत है,
वरुण देव जल छिड़क रहत है,
कर सेवा फल पाई,
पालकी सोने कि,
मेरे राम प्रभु की आई ॥
हरि चरणों में पुष्प बरसते,
दर्शन को सब देव तरसते,
हे प्रभु बनो सहाई,
पालकी सोने कि,
मेरे राम प्रभु की आई ॥
जो चलता संग राम की फेरी,
कटे कष्ट ना लगती देरी,
‘ओम सैन’ गुण गाई,
पालकी सोने कि,
मेरे राम प्रभु की आई ॥
पालकी सोने की,
मेरे राम प्रभु की आई,
विराजे राघव जी,
संग सीता चारों भाई ॥
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