मत रोवै ए धौली धौली गाँ - भजन (Mat Rove Aie Dholi Dholi Gay)


मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,
दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी,
मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,
दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी,
मैं तो एकली खड़ी बण में,
आज मेरा कोई नहीं धणी,
दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी ।
मैं तो वृन्दावन में जाया करती,
मैं तो हरी हरी दूब चरा करती,
मैं तो जमुना का नीर पिया करती,
मैं तो बंसरी की धुन सुण के,
खूब उगाळा करती ।

मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,
दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी ।

मैं तो नन्द गाँव में जाया करती,
मेरा राधा दूध निकाला करती,
मैं छह सर दूध दिया करती,
वा राधा खीर बनाया करती,
वा ते सबते पहले हे,
मैंने ही चखाया करती ।

मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,
दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी ।

मैं तो नन्द गाँव में जाया करती,
हुड़े दूध गुजरी बिलोया करती,
हुड़े कृष्ण भोग लगाया करता,
वो तो सबते पहल्या हे,
मैंने ही जिमाया करता ।

मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,
दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी ।

मैं तो वृन्दावन में जाया करती,
हुड़े कृष्ण रास रचाया करता,
हुड़े राधा रानी नाच्या करती,
मैं तो बंसरी की धुन सुनकर,
नाच दिखाया करती ।

मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,
दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी ।

मैं तो चंद्रभान की चेली सूं,
बिना डर के फिरूं अकेली सूं,
कदे आवे कृष्ण काला,
देखू मैं तो बाट खड़ी ।

मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,
दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी ।

मैं तो एकली खड़ी बण में,
आज मेरा कोई नहीं धणी,
मैं तो एकली खड़ी बण में,
आज मेरा कोई नहीं धणी,
Mat Rove Aie Dholi Dholi Gay - Read in English
Mat Rove Ai Dhauli Dhauli Gaay, Duniyaan Mein Ade Koi Na Sukhee, Main To Ekalee Khadee Baan Mein..
Bhajan Gopashtami BhajanShri Krishna BhajanBrij BhajanBhagwat BhajanGau BhajanGau Mata BhajanDhenu BhajanHaryanavi BhajanNarender Kaushik Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

जब भक्त बुलाते हैँ हरि दौड़ के आते हैँ - भजन

जब भक्त बुलाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ ॥ वो तो दीन और दुःखीओं को ॥

भस्म तेरे तन की, बन जाऊं भोलेनाथ: भजन

भस्म तेरे तन की, बन जाऊं भोलेनाथ, भक्ति में तेरी, रम जाऊं भोलेनाथ, शाम सुबह गुण तेरा, गाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी, रम जाऊं भोलेनाथ ॥

करते सब पर दया की नज़र, शिव भोले शंकर: भजन

करते सब पर दया की नज़र, शिव भोले शंकर, बाबा भोले बाबा बाबा भोले बाबा, बाबा भोले बाबा बाबा भोले बाबा ॥

भोले बाबा तेरे दरबार में जो आते हैं: भजन

भोले बाबा तेरे दरबार में जो आते हैं, झोलियां भरते है खाली नहीं वो जाते है, झोलियां भरते है खाली नहीं वो जाते है ॥

क्या वो करेगा लेके चढ़ावा: भजन

क्या वो करेगा लेके चढ़ावा, सब कुछ त्याग के बैठा कहीं, भक्त नहीं वो भला है ढूंढ़ता, गुण देखे गुणगान नहीं,
मैं कहता नहीं श्रद्धा है बुरी, पर कर्म तराजू धर्म वही, भक्त नहीं वो भला है ढूंढ़ता, गुण देखे गुणगान नहीं ॥