मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की - माँ संतोषी भजन (Main Toh Aarti Utaru Re Santoshi Mata Ki)


नवदुर्गा, दुर्गा पूजा, नवरात्रि, नवरात्रे, नवरात्रि, माता की चौकी, देवी जागरण, जगराता, शुक्रवार दुर्गा तथा अष्टमी के शुभ अवसर पर गाये जाने वाला प्रसिद्ध व लोकप्रिय भजन।
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की ।
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की ।
जय जय संतोषी माता जय जय माँ॥
जय जय संतोषी माता जय जय माँ
जय जय संतोषी माता जय जय माँ

बड़ी ममता है बड़ा प्यार माँ की आँखों मे।
माँ की आँखों मे।
बड़ी करुणा माया दुलार माँ की आँखों मे।
माँ की आँखों मे।
क्यूँ ना देखूँ मैं बारम्बार माँ की आँखों मे।
माँ की आँखों मे।
दिखे हर घड़ी नया चमत्कार आँखों मे।
माँ की आँखों मे।
नृत्य करो झूम झूम, छम छमा छम झूम झूम,
झांकी निहारो रे॥

मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की।
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की।
जय जय संतोषी माता जय जय माँ॥
जय जय संतोषी माता जय जय माँ
जय जय संतोषी माता जय जय माँ

सदा होती है जय जय कार माँ के मंदिर मे।
माँ के मंदिर मे।
नित्त झांझर की होवे झंकार माँ के मंदिर मे।
माँ के मंदिर मे।
सदा मंजीरे करते पुकार माँ के मंदिर मे।
माँ के मंदिर मे।
वरदान के भरे हैं भंडार, माँ के मंदिर मे।
माँ के मंदिर मे।
दीप धरो धूप करूँ, प्रेम सहित भक्ति करूँ,
जीवन सुधारो रे॥

मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की।
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की।
जय जय संतोषी माता जय जय माँ॥
जय जय संतोषी माता जय जय माँ
जय जय संतोषी माता जय जय माँ

दुर्गा चालीसा | आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | माता के भजन
नवरात्रि 2024 की तारीखें
Navratri 2024 Dates
दिन तिथि नवरात्रि में देवी के नाम रँग
3 अक्टूबर प्रतिपदा घटस्थापना, माता शैलपुत्री पूजा, अग्रसेन जयंती पीला
4 अक्टूबर द्वितीया माता ब्रह्मचारिणी पूजा हरा
5 अक्टूबर तृतीया माता चंद्रघंटा पूजा, सिन्दूर तृतीया स्लेटी
6 अक्टूबर तृतीया - नारंगी
7 अक्टूबर चतुर्थी माता कुष्मांडा पूजा सफ़ेद
8 अक्टूबर पंचमी माता स्कंद माता पूजा, ललिता पञ्चमी | दुर्गा पूजा (बिल्व निमन्त्रण) लाल
9 अक्टूबर षष्ठी माता कात्यायनी पूजा | दुर्गा पूजा (कल्पारम्भ, अकाल बोधन) गहरा नीला
10 अक्टूबर सप्तमी माता कालरात्रि पूजा, सरस्वती पूजा | दुर्गा पूजा (नवपत्रिका पूजा, कलाबोऊ पूजा) गुलाबी
11 अक्टूबर अष्टमी महा गौरी पूजा, माता सिद्धिदात्री पूजा, नवमी हवन | दुर्गा पूजा (दुर्गा अष्टमी, कुमारी पूजा, सन्धि पूजा, महा नवमी) बैंगनी
12 अक्टूबर नवमी विजयदशमी, नवरात्रि व्रत समाप्त | दुर्गा पूजा (बंगाल महा नवमी, दुर्गा बलिदान, नवमी हवन, दुर्गा विसर्जन) -
13 अक्टूबर दशमी दुर्गा पूजा (बंगाल विजयादशमी, बंगाल दुर्गा विसर्जन, सिन्दूर उत्सव) -
Main Toh Aarti Utaru Re Santoshi Mata Ki - Read in English
Popular and famous bhajan used on the auspicious occasion of Navdurga, Durga Puja, Navratri, Navratr
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गणपति मेरे अँगना पधारो: भजन

गणपति मेरे अंगना पधारो, आस तुमसे लगाए हुए है, काज कर दो हमारे भी पुरे, तेरे चरणों में हम तो खड़े है,
गणपति मेरे अँगना पधारो ॥

जय जय जय गणराज जी: भजन

यह दास करे ध्यान तुम्हारा, हर पल तुमने दिया सहारा, मैं हूँ तेरा दास, मैं हूँ तेरा दास जी , तेरी जय होवे गणराज जी,
जय जय जय ॥

गणपति तुम सब गण के राजा: भजन

गणपति तुम सब गण के राजा, गणपति तूम सब गण के राजा, पूरण करो हमारे काज, पूरण करो हमारे काज, गणपति तूम सब गण के राजा, पूर्ण करो हमारे काज ॥

सबसे पहले मनाऊ गणराज, गजानंद आ जइयो: भजन

बड़ा प्रेम से थाने मनाऊं, मोदक को थाने भोग लगाऊं, रिद्धि सिद्धि ने लाजो साथ, गजानंद आ जइयो, सबसे पहले मनाऊ गणराज, गजानंद आ जइयो ॥

गौंरी सुत गणराज गजानन, विघ्न हरण मंगल कारी: भजन

गौरी सुत गणराज गजानन, विघ्न हरण मंगल कारी, जो नर तुमको प्रथम मनावे, जो नर तुमको प्रथम मनावे, दुविधा मिट जावे सारी, गौंरी सुत गणराज गजानन, विघ्न हरण मंगल कारी ॥