मैं तेरे द्वार भोले नाथ फिर से आई हु,
तेरे दरबार से ही सब कुछ मैं तो पाई हु,
मैं तेरे द्वार भोले नाथ फिर से आई हु ॥
तेरा गुण गान पहली वार जब मैं गई थी,
दिल में अरमान लेके धाम तेरे आई थी,
तेरी किरपा से ही भोले ले नाम कमाई हु,
मैं तेरे द्वार भोले नाथ फिर से आई हु ॥
BhaktiBharat Lyrics
जब तलक जान है एहसान न भुलाऊ गी,
तेरे भुलावे पे दोहडी चली आउंगी,
तेरी चौकठ पे ही मैं सारे गम भुलाई हु,
मैं तेरे द्वार भोले नाथ फिर से आई हु ॥