नवदुर्गा, दुर्गा पूजा, नवरात्रि, नवरात्रे, नवरात्रि, माता की चौकी, देवी जागरण, जगराता, शुक्रवार दुर्गा तथा अष्टमी के शुभ अवसर पर गाये जाने वाला प्रसिद्ध व लोकप्रिय भजन। यह भजन प्रारंभिक दौर मे गायिका
अनुराधा पौडवाल द्वारा गाया गया है।
मै हूँ बेटी तू है माता,
ये है जनम-जनम का नाता ।
मै हूँ बेटी तू है माता,
ये है जनम-जनम का नाता ।
माता रानियें तुझे मैं बुलाने आई हूँ,
मैं बातें कुछ सुनने सुनाने आई हूँ ।
मै हूँ बेटी तू है माता,
ये है जनम-जनम का नाता ।
बच्चो से माँ रोज़ रोज़ रूठा न करो,
मेरे विश्वास को माँ झूठा न करो ।
छोडो गुस्से गीले सब,
माँ लगा लो गले अब ।
तेरी ममता की डोर को हिलाने आई हूँ,
मैं बातें कुछ सुनने सुनाने आई हूँ ।
मै हूँ बेटी तू है माता,
ये है जनम-जनम का नाता ।
आस्था का और न इम्तिहान लो,
निर्दोष विनय मेरी अब मान लो ।
पूरी कर भी दो आस,
माँ बिठा लो अपने पास ।
सच्ची श्रद्धा का भोग मैं लगाने आई हूँ,
मैं बातें कुछ सुनने सुनाने आई हूँ ।
मै हूँ बेटी तू है माता,
ये है जनम-जनम का नाता ।
मूर्ति में होती न अगर आत्मा,
धरना भक्त कैसे पता परमात्मा ।
नहीं मूक तू पाशा तेरी पिंडी में है प्राण,
सारी दुनिया को ये दिखलाने आई हूँ ।
मैं बातें कुछ सुनने सुनाने आई हूँ ।
मै हूँ बेटी तू है माता,
ये है जनम-जनम का नाता ।
अम्बे रानियें मैं तुझको बुलाने आई हूँ
मैं बातें कुछ सुनने सुनाने आई हूँ ।