केवट ने कहा रघुराई से,
उतराई ना लूंगा हे भगवन,
उतराई ना लूंगा हे भगवन,
केवट ने कहा रघुराईं से,
उतराई ना लूंगा हे भगवन ॥
मैं नदी नाल का सेवक हूँ,
तुम भवसागर के स्वामी हो,
मैं यहाँ पे पार लगाता हूँ,
तुम वहाँ पे पार लगा देना,
केवट ने कहा रघुराईं से,
उतराई ना लूंगा हे भगवन ॥
तूने अहिल्या को पार लगाया है,
मुझको भी पार लगा देना,
मैं यहाँ पे पार लगाता हूँ,
तुम वहाँ पे पार लगा देना,
केवट ने कहा रघुराईं से,
उतराई ना लूंगा हे भगवन ॥
केवट ने कहा रघुराई से,
उतराई ना लूंगा हे भगवन,
उतराई ना लूंगा हे भगवन,
केवट ने कहा रघुराईं से,
उतराई ना लूंगा हे भगवन ॥
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक:
यहाँ साझा करें।