कन्हैया तुम मत बनना भगवान,
मैं भी बालक तु भी बालक,
मैं भी बालक तु भी बालक,
दोनों एक समान,
कन्हैंया तुम मत बनना भगवान ॥
मुझे भी माता जन्म दियो है,
पिता दे रहो ज्ञान,
तू भी देवकी वासुदेव का,
तू भी देवकी वासुदेव का,
कहलाये संतान,
कन्हैंया तुम मत बनना भगवान ॥
मैं भी चाहूँ सखा बनाने,
पर मैं हूँ अनजान,
कैसे तुझको ढूंढू मोहन,
कैसे तुझको ढूंढू मोहन,
दे मुझको पहचान ।
कन्हैया तुम
मित्र सुदामा पुकार रहा है,
अब भी तेरा नाम,
इतना सुंदर मित्र मिला है,
इतना सुंदर मित्र मिला है,
कैसे उसको जान,
कन्हैंया तुम मत बनना भगवान ॥
मात यशोदा सुना रही है,
अब भी लोरी तान,
आते रहो तुम प्यार लूटाने,
आते रहो तुम प्यार लूटाने,
करने जग कल्याण,
कन्हैया तुम मत बनना भगवान ॥
कन्हैया तुम मत बनना भगवान,
मैं भी बालक तु भी बालक,
मैं भी बालक तु भी बालक ॥