जीण भवानी की दुनिया दीवानी है,
कलयुग में माँ की एक अजब कहानी है,
ऊँचे पर्वत बैठी जग महारानी है,
माँ से हम भक्तों की प्रीत पुराणी है,
जीण भवानी की दुनिया दीवानी है,
कलयुग में माँ की एक अजब कहानी है ।
घांघू गाँव में जन्मी मैया जीवन दाई है,
गंगो सिंह जी पिता हैं माता पारी के जाइ है,
हर्षनाथ की बहना वो कहलाई है,
पराशर कुल वंशों ने कृपा पाई है,
जीण भवानी की दुनिया दीवानी है,
कलयुग में माँ की एक अजब कहानी है ।
पर्वत ऊपर घोर तपस्या माँ ने ठानी है,
माँ की आँख के नीर की काजल शिखर कहानी है,
कलयुग अवतारी भवरों की रानी है,
कहते इनको गोरिया की सेठानी है,
जीण भवानी की दुनिया दीवानी है,
कलयुग में माँ की एक अजब कहानी है।
मुग़ल सेना ने मंदिर में जब करि चढ़ाई है,
लाखों भँवरे छोड़े माँ ने धुल चटाई है,
औरंगज़ेब ने माँ से हार ये मानी है,
इतिशा ने भी माँ की महिमा जानी है,
जीण भवानी की दुनिया दीवानी है,
कलयुग में माँ की एक अजब कहानी है ।