जन्मे श्री कृष्ण कन्हैया जब,
कारागार के टूटे ताले थे,
टूटे थे भाई टूटे थे,
कारागार के टूटे ताले थे,
सो गए थे सारे प्रहरी वो,
जो पहरा देने वाले थे,
जन्में श्री कृष्ण कन्हैया जब,
कारागार के टूटे ताले थे ॥
भादो की अंधेरी काली रात,
घनघोर घटा ने की बरसात,
टोकरी उठा वसुदेव चले,
सोए जिसमे बंसी वाले थे,
जन्में श्री कृष्ण कन्हैया जब,
कारागार के टूटे ताले थे ॥
जब उतरे यमुना के जल में,
लहरें थी उठी छूने को चरण,
वर्षा से बचाने शेषनाग,
बन छतरी छाने वाले थे,
जन्में श्री कृष्ण कन्हैया जब,
कारागार के टूटे ताले थे ॥
यशोदा के संग बालक को लिटा,
उसकी बिटिया संग लेके चले,
फिर जल्दी लौटे जेल में वो,
होने को आए उजाले थे,
जन्में श्री कृष्ण कन्हैया जब,
कारागार के टूटे ताले थे ॥
नंदलाला के आने की खबर,
सुन दर्श को आए नर नारी,
अब कंस के जीवन के सारे,
दिन पूरे होने वाले थे,
जन्में श्री कृष्ण कन्हैया जब,
कारागार के टूटे ताले थे ॥
BhaktiBharat Lyrics
जन्मे श्री कृष्ण कन्हैया जब,
कारागार के टूटे ताले थे,
टूटे थे भाई टूटे थे,
कारागार के टूटे ताले थे,
सो गए थे सारे प्रहरी वो,
जो पहरा देने वाले थे,
जन्में श्री कृष्ण कन्हैया जब,
कारागार के टूटे ताले थे ॥