इंदौर से चल कर आया हूँ,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ,
चरणों में तेरे अर्पण के लिए ॥
ना रोली मोली चावल है,
ना धन दौलत की थैली है,
ना धन दौलत की थैली है,
दो आंसू बचा कर लाया हूँ,
पूजा तेरी करने के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ,
चरणों में तेरे अर्पण के लिए ॥
ना रंग महल की अभिलाषा,
ना इच्छा सोने चांदी की,
ना इच्छा सोने चांदी की,
तेरी दया की दौलत काफी है,
झोली मेरी भरने के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ,
चरणों में तेरे अर्पण के लिए ॥
बाबा मेरी इच्छा नही,
अब यहां से वापस जाने की,
अब यहां से वापस जाने की,
चरणों में जगह दे दो थोड़ी,
मुझे जीवन भर रहने के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ,
चरणों में तेरे अर्पण के लिए ॥
इंदौर से चल कर आया हूँ,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ,
चरणों में तेरे अर्पण के लिए ॥