होली के भजन (Holi Bhajan)


होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिसमे हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ रंगों से, मिष्ठानो से, भजनों से जाति बंधन से परे संदेश देते हैं। होली में रंगों का प्रयोग जितना आवश्यक है उतना ही आवश्यक भजनों का गाया जाना भी है। भजनों में रसिया, ठुमरी एवं राग गाये जाते हैं, इन सभी प्रकार के भजनों को होली के दौरान गायन के कारण, होरी गायन भी कहते हैं।
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

ऊँचे पर्वत गुफा न्यारी जहाँ मां भवन बना बैठी: भजन

ऊँचे, पर्वत, गुफा न्यारी, जहाँ मां, भवन बना बैठी ॥

भए प्रगट कृपाला दीनदयाला - भजन

श्री रामअवतार स्तुति बधाई, सोहर, जन्मदिन अवसरों पर लोकप्रिय है। भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौसल्या हितकारी ।

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में - भजन

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में, देख लो मेरे मन के नागिनें में।

तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये - भजन

साँची ज्योतो वाली माता, तेरी जय जय कार। तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं आया मैं आया शेरा वालिये।

इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी - भजन

इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी, ब्रज/वृंदावन में आ गए।