होली के भजन (Holi Bhajan)


होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिसमे हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ रंगों से, मिष्ठानो से, भजनों से जाति बंधन से परे संदेश देते हैं। होली में रंगों का प्रयोग जितना आवश्यक है उतना ही आवश्यक भजनों का गाया जाना भी है। भजनों में रसिया, ठुमरी एवं राग गाये जाते हैं, इन सभी प्रकार के भजनों को होली के दौरान गायन के कारण, होरी गायन भी कहते हैं।
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होली खेले नंदलाला बिरज में - भजन

होली खेले नंदलाला , बिरज में होली खेले नंदलाला, होली खेले नंदलाला , बिरज में होली खेले नंदलाला ।

तेरे दर पे मॉ, जिंदगी मिल गई है: भजन

तेरे दर पे मॉ, जिंदगी मिल गई है, मुझे दुनिया भर की, ख़ुशी मिल गई है, तेरे दर पे मॉ, जिंदगी मिल गई है ॥

मैया मैं तेरी पतंग: भजन

मैया मैं तेरी पतंग, हवा विच उडदी जावांगी, मैया डोर हाथों छड्डी ना, मैं कट्टी जावांगी, मईया मैं तेरी पतंग, दाती मैं तेरी पतंग ॥

सावन सुहाना आया है: भजन

सावन सुहाना आया है, सावन, संदेसा माँ का लाया है, सावन, चिंत पुर्णी के द्वार गूंजती, जय जयकार, चिंता पुर्णी के द्वार गूंजती,
जय जयकार, भक्तो के मन भाया है, सावन,सावन सुहाना आया है, संदेसा माँ का लाया है ॥

सज रही मेरी अम्बे मैया - माता भजन

सज रही मेरी अम्बे मैया, सुनहरी गोटे में, रूपहरी गोटे में..