होली के भजन (Holi Bhajan)


होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिसमे हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ रंगों से, मिष्ठानो से, भजनों से जाति बंधन से परे संदेश देते हैं। होली में रंगों का प्रयोग जितना आवश्यक है उतना ही आवश्यक भजनों का गाया जाना भी है। भजनों में रसिया, ठुमरी एवं राग गाये जाते हैं, इन सभी प्रकार के भजनों को होली के दौरान गायन के कारण, होरी गायन भी कहते हैं।
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कौन लंका जला पाता - भजन

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दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ: भजन

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मेरी विपदा टाल दो आकर: भजन

मेरी विपदा टाल दो आकर, हे जग जननी माता, शेरों वाली माता, मेहरो वाली माता ॥

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दादी इतनी किरपा करिये, दर ते आवता रवा, मैं तो थारे दरबार से मांगता रहा ॥

बड़े मान से जमाना, माँ तुमको पूजता है: भजन

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