ऊँचे, पर्वत, गुफा न्यारी, जहाँ मां, भवन बना बैठी ॥
श्री रामअवतार स्तुति बधाई, सोहर, जन्मदिन अवसरों पर लोकप्रिय है। भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौसल्या हितकारी ।
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में, देख लो मेरे मन के नागिनें में।
साँची ज्योतो वाली माता, तेरी जय जय कार। तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं आया मैं आया शेरा वालिये।
इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी, ब्रज/वृंदावन में आ गए।