हे शिव भोले भंडारी - भजन (Hey Shiv Bhole Bhandari)


हे शिव भोले भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी ॥
बाघम्बर तेरे अंग पर सोहे,
हाथ में तिरशूल भारी,
भूत पिशाच नृत्य करे संग में,
नाचे दे दे ताली,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी ॥

डम डम डमरू बजाए,
नंदी की सवारी,
विष को पीकर क्षण में शिव ने,
देवो की विपदा टारि,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी ॥

उमा रमण शम्भू त्रिपुरारी,
भव भय भंजनहारी,
इस विरले दानी की महिमा,
गावे सब नर नारी,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी ॥

‘दामोदर’ की विनती यही है,
काटो विपदा हमारी,
कष्ट मिटा जग के तुम कर दो,
घर घर में खुशयारी,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी ॥

हे शिव भोले भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी,
हे शिव भोलें भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी ॥
Hey Shiv Bhole Bhandari - Read in English
Hey Shiv Bhole Bhandari, Main Aaya Sharan Tihari, Hey Shiv Bhole Bhandari, Main Aaya Sharan Tihari ॥
Bhajan Shiv BhajanBholenath BhajanMahadev BhajanShivaratri BhajanSavan BhajanMonday BhajanSomvar BhajanSolah Somvar BhajanJyotirling BhajanShiv Vivah BhajanAnuradha Paudwal Bhajan

अन्य प्रसिद्ध हे शिव भोले भंडारी - भजन वीडियो

Debashish Dasgupta

अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

वृंदावन मेरो वृंदावन - वृंदावन रसामृत

श्यामा हृदय कमल सो प्रगट्यौ, और श्याम हृदय कू भाए, वृन्दावन प्यारो वृन्दावन, वृंदावन मेरो वृन्दावन

आज सजे हैं मेरे घर के द्वारे आज विनायक मेरे आँगन पधारे - भजन

आज सजे हैं मेरे घर के द्वारे, आज विनायक मेरे आँगन पधारे, स्वागत तुम्हारा हे गणराजा, जागे हैं भाग हमारे

जय श्री कृष्णा बोलो, जय राधे - भजन

जय राधे! जय राधे ! जय श्री कृष्णा बोलो, जय राधे, श्री राधे मेरी, स्वामिनी, मैं राधे जू को, दास, जनम जनम, मोहि दीजियो,

सांवेर के उल्टे हनुमान कर दो सीधे काम - भजन

मारुतिनंदन हे दुःखभजन जग में बड़ा तेरा नाम, सांवेर के उल्टे हनुमान कर दो मेरे भी सीधे काम, राम राम सियाराम, राम राम सियाराम ॥

बजरंग बाण

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥