हे दयामय आप ही संसार के आधार हो।
आप ही करतार हो हम सबके पालनहार हो॥
जन्म दाता आप ही माता पिता भगवान हो।
सर्व सुख दाता सखा भ्राता हो तन धन प्राण हो॥
आपके उपकार का हम ऋण चुका सकते नहीं।
बिन कृपा के शांति सुखका सार पा सकते नहीं॥
दीजिये वह मति बने हम सदगुणी संसार में।
मन हो मंजुल धर्मं मय और तन लगे उपकार में॥
हे दयामय आपका हमको सदा आधार हो।
आपके भक्तों से ही भरपूर यह परिवार हो॥
छोड़ देवें काम को और क्रोध को मद लोभ को।
शुद्ध और निर्मल हमारा सर्वदा आचार हो।
प्रेम से मिल मिल के सारे गीत गायें आपके।
मन में बहता आपका ही प्रेम पारावार हो॥
जय पिता जय जय पिता, हम जय तुम्हारी गा रहे॥
रात दिन घर में हमारे आपकी जयकार हो॥
धन धान्य घर में जो सभी कुछ, आप का ही है दिया।
उसके लिये प्रभु आपको धन्यवाद सौ सौ बार हो॥