कर्ता करे ना कर सके,
शिव करे सो होय,
तीन लोक नौ-खंड में,
शिव से बड़ा ना कोय ॥हमारे साथ श्री महाकाल,
तो किस बात की चिंता,
शरण में रख दिया जब माथ,
तो किस बात की चिंता,
हमारे साथ श्री महांकाल,
तो किस बात की चिंता ॥
लगाई है लगन शिव से,
नहीं फिर जग से मोह माया,
मेरे संग संग में रहती है,
मेरे महाकाल की छाया,
की बनती है वहां हर बात,
तो किस बात की चिंता,
हमारे साथ श्री महांकाल,
तो किस बात की चिंता ॥
मेरे महाकाल के दर पे,
संवर जाती है तकदीरे,
प्रभु का नाम लेते ही,
बदल जाती है तासीरें,
मेरे महाकाल रखते है,
हर एक के काम की चिंता,
हमारे साथ श्री महांकाल,
तो किस बात की चिंता ॥
लगा ले तू लगन शिव से,
के हो जा जग से बेगाना,
मुक्कदर अपना बनवा ले,
बन महाकाल दीवाना,
के हर लेंगे मेरे स्वामी,
तेरे हर काल की चिंता,
हमारे साथ श्री महांकाल,
तो किस बात की चिंता ॥
हमारे साथ श्री महांकाल,
तो किस बात की चिंता,
शरण में रख दिया जब माथ,
तो किस बात की चिंता,
हमारे साथ श्री महांकाल,
तो किस बात की चिंता ॥
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक:
यहाँ साझा करें।