आशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू..
शिव उठत, शिव चलत, शिव शाम-भोर है। शिव बुद्धि, शिव चित्त, शिव मन विभोर है॥ ॐ ॐ ॐ...
मोरे उज्जैन के राजा करों किरपा, मोरे राजा महाराजा करो किरपा ॥
प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला, तेरे नाम की मैं जपूं रोज माला। अब तो मनो कामना है यह मेरी...
शिव का डमरू डम डम बाजे, टोली कावड़ियों की नाचे, कावड़ियों की नाचे, टोली कावड़ियों की नाचे, शिव का डमरू डम डम बाजें,
टोली कावड़ियों की नाचे।।