गुरु बिन घोर अँधेरा संतो: भजन (Guru Bina Ghor Andhera Re Santo)


गुरु बिन घोर अँधेरा संतो,
गुरु बिन घोर अँधेरा जी ।
बिना दीपक मंदरियो सुनो,
अब नहीं वास्तु का वेरा हो जी ॥
जब तक कन्या रेवे कवारी,
नहीं पुरुष का वेरा जी ।
आठो पोहर आलस में खेले,
अब खेले खेल घनेरा हो जी ॥

मिर्गे री नाभि बसे किस्तूरी,
नहीं मिर्गे को वेरा जी ।
रनी वनी में फिरे भटकतो,
अब सूंघे घास घणेरा हो जी ॥

जब तक आग रेवे पत्थर में,
नहीं पत्थर को वेरा जी ।
चकमक छोटा लागे शबद री,
अब फेके आग चोपेरा हो जी ॥

रामानंद मिलिया गुरु पूरा,
दिया शबद तत्सारा जी ।
कहत कबीर सुनो भाई संतो,
अब मिट गया भरम अँधेरा हो जी ॥
Guru Bina Ghor Andhera Re Santo - Read in English
Guru Bin Ghor Andhera Santo, Guru Bin Ghor Andhera Ji । Bina Deepak Mandriyo Suno...
Bhajan Guru BhajanGurudev BhajanMarwadi BhajanRajasthani BhajanGuru Purnima BhajanAsha Vaishnav BhajanVyasa Purnima BhajanSant Ravidas BhajanRavidas Jayanti Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

बजरंग बाण

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥

मैं हूँ बाबा का सर्वेन्ट - भजन

कहो तो कोरे, कहो तो कोरे कागज पर, लिख दूं ये एग्रीमेंट, मैं हूँ बाबा का सर्वेंट, मैं हूँ बाबा का सर्वेंट

मटकी आप चटक गई होयगी - भजन

मटकी आप चटक गई होयगी, लालय देख मटक गई होयगी, मेरे लल्ला को दोष लगाइबे

लागी तुम संग यारी मेरे बांके बिहारी: भजन

लागी तुम संग यारी, मेरे बांके बिहारी, बांके बिहारी, मेरे कुंज बिहारी, लागीं तुम संग यारी, मेरे बांके बिहारी ॥

गोपी गीत - जयति तेऽधिकं जन्मना

जयति तेऽधिकं जन्मना व्रजः श्रयत इन्दिरा शश्वदत्र हि । दयित दृश्यतां दिक्षु तावका स्त्वयि धृतासवस्त्वां विचिन्वते ॥