गिरिजा के छैया गणपति तुम्हे पुकारू,
पूजूं मैं तुम्हे आरती तेरी उतारूं,
गिरिजा के छैया ॥
पान फूल मेवा से चरणों की सेवा से,
प्रथम तुम्हे पूजूं छवि चित धारण,
गिरिजा के छैया गणपति तुम्हे पुकारू,
गिरिजा के छैया ॥
देव दुष्ट हन्ता हो जगत के नियंता हो,
शरण आऊं आपकी मैं पइयाँ पखारूँ,
गिरिजा के छैया गणपति तुम्हे पुकारू,
गिरिजा के छैया ॥
BhaktiBharat Lyrics
रिद्धि सिद्धि दाता हो ज्ञान के विधाता हो,
हर लो दुःख देवा आशा से तुम्हे निहारूं,
गिरिजा के छैया गणपति तुम्हे पुकारू,
गिरिजा के छैया ॥