भारतीय स्कूलों में विद्यार्थी सुवह-सुवह पहुँचकर सबसे पहिले प्रभु से प्रार्थना करते है, उसके पश्चात ही पढ़ाई से जुड़ा कोई कार्य प्रारंभ करते हैं। इसे साधारण बोल-चाल की भाषा में
प्रातः वंदना भी कहा जाता है। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले स्कूल में प्रतिदिन अलग-अलग प्राथनाएँ गाई जाती है, इन विद्यालयों में गाई जाने वाली सभी प्रेयर दिन वार के साथ दी गई हैं।
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वह शक्ति हमें दो दया निधे [सोमवार प्रार्थना - बेसिक शिक्षा स्कूल, यूपी]
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दया कर दान विद्या का [मंगलवार प्रार्थना - बेसिक शिक्षा स्कूल, यूपी]
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ऐ मालिक तेरे बंदे हम [बुधवार प्रार्थना - बेसिक शिक्षा स्कूल, यूपी]
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सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु [गुरुवार / बृहस्पतिवार प्रार्थना - बेसिक शिक्षा स्कूल, यूपी]
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हर देश में तू, हर भेष में तू [शुक्रवार प्रार्थना - बेसिक शिक्षा स्कूल, यूपी]
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इतनी शक्ति हमें देना दाता [शनिवार प्रार्थना - बेसिक शिक्षा स्कूल, यूपी]
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तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो
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चंदन है इस देश की माटी
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हे जग त्राता विश्व विधाता
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हम को मन की शक्ति देना
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हे प्रभो आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिए
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ब्रह्मन्! स्वराष्ट्र में हों, द्विज ब्रह्म तेजधारी
प्रार्थना एक धार्मिक क्रिया है। प्रार्थना के द्वारा विद्यार्थी अपने इच्छा पूर्ति की कोशिश करता है। सभी धर्मों के साथ ही विज्ञान ने भी प्रार्थना को स्वीकार किया है। प्रार्थना का अर्थ होता है परमात्मा का मनन और उनका अनुभव करना। इसे करने से विद्यार्थी मन शांत रहता है। क्रोध पर नियंत्रण रहता है। स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है और चेहरे पर खुशी की चमक रहती है।
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