देव है ये भोले भक्तो का,
खुद भी भोला भाला,
मेरा डमरू वाला,
मेरा डमरू वाला,
शमशानों में भूतो के संग,
इसने डेरा डाला,
मेरा डमरू वाला,
मेरा डमरू वाला ॥
सागर का हुआ जब मंथन,
तब देव असुर सब आए,
सबको था अमृत पीना,
कोई विष ना पीना चाहे,
छोड़ के अमृत शिव शंकर ने,
सारा विष पी डाला,
मेरा डमरू वाला,
मेरा डमरू वाला ॥
तपकर के भागीरथ ने,
गंगा धरती पे उतारी,
कोई रोक ना पाया उसको,
धारा में वेग था भारी,
बांध के अपनी जटा में उसको,
अनहोनी को टाला,
मेरा डमरू वाला,
मेरा डमरू वाला ॥
सावन के महीने में जब,
कावड़ियों की निकले टोली,
हर गली गली में गूंजे,
इसके ही नाम की बोली,
कोई बम बम बोल पुकारे,
कोई कहे बम भोला,
मेरा डमरू वाला,
मेरा डमरू वाला ॥
मेवा मिष्ठानो के हो,
या थाल भरे हो फल के,
भोले तो खुश होते है,
लुटिया भर गंगाजल से,
बेल पत्र और आक धतूरा,
और भंगिया पिने वाला,
मेरा डमरू वाला,
मेरा डमरू वाला ॥
देव है ये भोले भक्तो का,
खुद भी भोला भाला,
मेरा डमरू वाला,
मेरा डमरू वाला,
शमशानों में भूतो के संग,
इसने डेरा डाला,
मेरा डमरू वाला,
मेरा डमरू वाला ॥
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