दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी - भजन (De Do Anguthi Mere Prano Se Pyari)


दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी
इसे लाया है कौन, इसे लाया है कौन
मेरे रघुवर की, रघुबर की
मात भी छोड़े, मैंने पिता भी छोड़े
छोड़ी जनकपुरी, छोड़ी जनकपुरी,
मेरे बाबुल की, बाबुल की

दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी
इसे लाया है कौन, इसे लाया है कौन
मेरे रघुवर की, रघुबर की

संग भी छोड़ा, मैंने साथ भी छोड़ा
छोड़ी संग सहेली, छोड़ी संग सहेली
मेरे बचपन की, बचपन की

दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी
इसे लाया है कौन, इसे लाया है कौन
मेरे रघुवर की, रघुबर की

सास भी छोड़े मैंने सुसर भी छोड़े
छोड़ी अवधपुरी, छोड़ी अवधपुरी,
मेरे ससुरा की, ससुरा की

दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी
इसे लाया है कौन, इसे लाया है कौन
मेरे रघुवर की, रघुबर की

राम भी छोड़े मैंने लक्ष्मण भी छोड़े
छोड़ी पंचवटी, छोड़ी पंचवटी
मेरे रघुवर की, रघुवर की

दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी
इसे लाया है कौन, इसे लाया है कौन
मेरे रघुवर की, रघुबर की

इतने मे हनुमत बोले सीता से,
इतने मे हनुमत बोले सीता से,
इसे मैं लेके आया, इसे मैं लेके आया

दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी
इसे लाया है कौन, इसे लाया है कौन
मेरे रघुवर की, रघुबर की
De Do Anguthi Mere Prano Se Pyari - Read in English
De Do Anguthi Mere Prano Se Pyari Ise Laya Hai Kaun, Ise Laya Hai Kaun..
Bhajan Shri Ram BhajanShri Raghuvar BhajanRam Navmi BhajanSundarkand BhajanRamayan Path BhajanVijayadashami BhajanRam Sita Vivah BhajanSita Jayanti BhajanMorning BhajanDainik BhajanDaily BhajanMadhurima Sharma Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

जब भक्त बुलाते हैँ हरि दौड़ के आते हैँ - भजन

जब भक्त बुलाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ ॥ वो तो दीन और दुःखीओं को ॥

लक्ष्मी भजन

.दीपावली पूजा, धनतेरस पूजा एवं श्री कुबेर पूजा में सबसे अधिक भेजने वाले भजन], मंत्र, आरती तथा गीत।

घर में आओ लक्ष्मी माता - भजन

घर में आओ लक्ष्मी माता, आओ पधारो श्री गणराजा ॥ दीवाली का त्यौहार आया..

रामायण के 7 काण्ड में कोई नही है ऐसा सुन्दरकाण्ड के जैसा - भजन

रामायण के सात काण्ड में, कोई नही है ऐसा, सुन्दरकाण्ड के जैसा

छोटी सी मेरी पार्वती, शंकर की पूजा करती थी - भजन

छोटी सी मेरी पार्वती, शंकर की पूजा करती थी, निर्जल रहकर निश्छल मन से, नित ध्यान प्रभू का धरती थी ..