भोले को में मानने, महाकाल जा रहा हूं ।
बाबा को जल चढ़ाने, उज्जैन जा रहा हूं।
बैठे गजानन चिंता हरे,
हरसिद्धि मां भंडारे भरे
चरणों में तेरे बाबा सर को झुका रहा हूं
करदो दया की मुझपे नजर,
दुनिया से भोले मैं बेखबर,
चरणों का मैं दीवाना अरजी लगा रहा हूं
दुनिया से में तो घबरा गया ,
बाबा तुम्हारे दर आ गया
अपनी झलक दिखादो तुमको बुला रहा हूं
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