मेरे भोलेनाथ भंडारी कहलाते है त्रिपुरारी,
ये जिसपर किरपा कर देते,
भर देते झोली खाली,
मेरे भोलेनाथ भंडारी ॥
अमृत को त्याग के भोले,
ये पी गए विष के प्याले,
नीलकंठ कहलाये ये अमृत देवो में बांटे,
सच है ये तेरी कहानी,
तेरी महिमा सबने जानी,
ये जिसपर किरपा कर देते,
भर देते झोली खाली,
मेरे भोलेनाथ भंडारी ॥
माथे पे चंद्र सजाया,
और जटा पे गंगा बीराजी,
बाघम्बर है तन औढ़े भोला कैलाश का वासी,
ये चमत्कार है दिखलाता,
दुनिया है महिमा गाती,
ये जिसपर किरपा कर देते,
भर देते झोली खाली,
मेरे भोलेनाथ भंडारी ॥
BhaktiBharat Lyrics
भक्तो की विनती सुनकर,
ये दौड़े दौड़े आते,
जिसकी नईया भी डूब रही ये उसको पार लगाते,
आनंद तेरी महिमा गाये,
तो मिल जायेगी ज्ञाति,
ये जिसपर किरपा कर देते,
भर देते झोली खाली,
मेरे भोलेनाथ भंडारी ॥
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