भस्म तेरे तन की, बन जाऊं भोलेनाथ: भजन (Bhasm Tere Tan Ki Ban Jau Bholenath)


भस्म तेरे तन की,
बन जाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ,
शाम सुबह गुण तेरा,
गाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ ॥
जब जब तू भंगिया को,
हाथ से लगाए,
प्याले के रूप में तू,
मुझको ही पाए,
जैसा तू ढाले,
ढल जाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ ॥

खोया रहूं भोले,
सेवा में तेरी,
अंतिम यही है,
अभिलाषा शिव मेरी,
धूल तेरे पग की,
बन जाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ ॥

कर दूँ ये जीवन,
मैं तुझको समर्पण,
तेरा दिया कर दूँ,
तुझको ही अर्पण,
नाम तेरा हर पल,
मैं गाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ ॥

भस्म तेरे तन की,
बन जाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ,
शाम सुबह गुण तेरा,
गाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी,
रम जाऊं भोलेनाथ ॥
Bhasm Tere Tan Ki Ban Jau Bholenath - Read in English
Bhasm Tere Tan Ki, Ban Jaun Bholenath, Bhakti Mein Teri, Ram Jaun Bholenath, Shaam Subah Gun Tera, Gaun Bholenath, Bhakti Mein Teri, Ram Jaun Bholenath ॥
Bhajan Shiv BhajanBholenath BhajanMahadev BhajanShivaratri BhajanSavan BhajanMonday BhajanSomvar BhajanSolah Somvar BhajanJyotirling BhajanPrem Bhushan Bhajan

अन्य प्रसिद्ध भस्म तेरे तन की, बन जाऊं भोलेनाथ: भजन वीडियो

Rishav Thakur, Ayachi Thakur, Maithili Thakur

Divya Chaturvedi

अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

भस्म तेरे तन की, बन जाऊं भोलेनाथ: भजन

भस्म तेरे तन की, बन जाऊं भोलेनाथ, भक्ति में तेरी, रम जाऊं भोलेनाथ, शाम सुबह गुण तेरा, गाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी, रम जाऊं भोलेनाथ ॥

करते सब पर दया की नज़र, शिव भोले शंकर: भजन

करते सब पर दया की नज़र, शिव भोले शंकर, बाबा भोले बाबा बाबा भोले बाबा, बाबा भोले बाबा बाबा भोले बाबा ॥

भोले बाबा तेरे दरबार में जो आते हैं: भजन

भोले बाबा तेरे दरबार में जो आते हैं, झोलियां भरते है खाली नहीं वो जाते है, झोलियां भरते है खाली नहीं वो जाते है ॥

क्या वो करेगा लेके चढ़ावा: भजन

क्या वो करेगा लेके चढ़ावा, सब कुछ त्याग के बैठा कहीं, भक्त नहीं वो भला है ढूंढ़ता, गुण देखे गुणगान नहीं,
मैं कहता नहीं श्रद्धा है बुरी, पर कर्म तराजू धर्म वही, भक्त नहीं वो भला है ढूंढ़ता, गुण देखे गुणगान नहीं ॥

नंदी पे बिठा के तू, घूमा दे भोले: भजन

नंदी पे बिठा के तू, घूमा दे भोले जोगिया, देखूं सारा संसार, चले पर्वत के उस पार, दुनिया देखन दे देखन दे, कलयुग का ये दौर,
गौरा बदली सारी दुनिया, बड़ा स्वार्थी संसार, वहां जाना है बेकार, तप कर लेन दे कर लेन दे, नन्दी पे बिठा के तू, घूमा दे भोले जोगिया ॥