बाट सजेने छि आसन लगेने छी - भजन (Baat Sajene Chi Aasan Lagene Chi)


बाट सजेने छि। आसन लगेने छी ।
आबु पधारु हे माँ ।
बैसल छी भोरे स। कानै छी ओरे स ।
कोरा उठाबु है माँ ॥
बाट सजेने छी ॥
सबहक बिपदा आहाँ हरै छी ।
हम्मर निवेदन किये नै सुनै छी ।
कोन गल्ती स आहाँ रसल छी ।
देखु न अम्बे हम कतेक कनै छी ।
अहि के पूजलौ अहि स पूछै छी ।
आहाँ छोइर जेबे हम कहाँ ।
बाट सजेने छी ॥

महिमा आहाँ के। केनै जानइये ।
घुइर के आबू माँ बेटा कनइये ।
ममता मई आहाँ पाथर ने बनियो ।
कटते कोना दिन माँ किछु करियो ।
कतेक कनाबै छी किये ने आबै छी ।
निसठुर नै बनियो आहाँ ।
बाट सजेने छी ॥

हम नै मँगे छि भरल बखारी ।
चाही ने हमरा बंगला आ गाड़ी ।
मोन के मंदिर में बॉस करू माँ ।
भक्त क पूरन आस करू माँ ।
रामेंद्र लिखै ये। प्यासा गबइये ।
दरसन देखाबू हे माँ
बाट सजेने छी। आसन लगेने छी ।
आबु पधारु हे माँ ॥
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