आये है दिन सावन के - भजन (Aaye Hain Din Sawan Ke)


आये है दिन सावन के,
गंगा जल से भर के गगरिया,
गंगा जल से भर के गगरिया,
शिव को कावड़ चढ़ावन के,
आये हैं दिन सावन के,
आये हैं दिन सावन के ॥
यही है दुनिया में देव अकेला,
लगे है यहाँ कावड़ियो का मेला,
आये है दिन शिव भक्तो के,
आये है दिन शिव भक्तो के,
हर हर बम बम गावन के,
आये हैं दिन सावन के,
आये हैं दिन सावन के ॥

यही वो दिन बाबा माल लुटाये,
यहाँ से कोई खाली हाथ ना जाए,
भोलेनाथ से जी भर मांगो,
भोलेनाथ से जी भर मांगो,
आये है दिन मांगण के,
आये हैं दिन सावन के,
आये हैं दिन सावन के ॥

आओ जी सारे झूमो नाचो गाओ,
मचाओ ‘बनवारी’ धमाल मचाओ,
आये है दिन शिव शंभू के,
आये है दिन शिव शंभू के,
हमको पास बुलावन के,
आये हैं दिन सावन के,
आये हैं दिन सावन के ॥

आये है दिन सावन के,
गंगा जल से भर के गगरिया,
गंगा जल से भर के गगरिया,
शिव को कावड़ चढ़ावन के,
आये हैं दिन सावन के,
आये हैं दिन सावन के ॥
Aaye Hain Din Sawan Ke - Read in English
Aaye Hai Din Saavan Ke, Ganga Jal Se Bhar Ke Gagariya, Ganga Jal Se Bhar Ke Gagariya, Shiv Ko Kavad Chadhavan Ke, Aaye Hai Din Saavan Ke, Aaye Hai Din Saavan Ke ॥
Bhajan Shiv BhajanBholenath BhajanMahadev BhajanShivaratri BhajanSavan BhajanMonday BhajanSomvar BhajanSolah Somvar BhajanJyotirling BhajanShiv Vivah Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

भस्म तेरे तन की, बन जाऊं भोलेनाथ: भजन

भस्म तेरे तन की, बन जाऊं भोलेनाथ, भक्ति में तेरी, रम जाऊं भोलेनाथ, शाम सुबह गुण तेरा, गाऊं भोलेनाथ,
भक्ति में तेरी, रम जाऊं भोलेनाथ ॥

करते सब पर दया की नज़र, शिव भोले शंकर: भजन

करते सब पर दया की नज़र, शिव भोले शंकर, बाबा भोले बाबा बाबा भोले बाबा, बाबा भोले बाबा बाबा भोले बाबा ॥

भोले बाबा तेरे दरबार में जो आते हैं: भजन

भोले बाबा तेरे दरबार में जो आते हैं, झोलियां भरते है खाली नहीं वो जाते है, झोलियां भरते है खाली नहीं वो जाते है ॥

क्या वो करेगा लेके चढ़ावा: भजन

क्या वो करेगा लेके चढ़ावा, सब कुछ त्याग के बैठा कहीं, भक्त नहीं वो भला है ढूंढ़ता, गुण देखे गुणगान नहीं,
मैं कहता नहीं श्रद्धा है बुरी, पर कर्म तराजू धर्म वही, भक्त नहीं वो भला है ढूंढ़ता, गुण देखे गुणगान नहीं ॥

नंदी पे बिठा के तू, घूमा दे भोले: भजन

नंदी पे बिठा के तू, घूमा दे भोले जोगिया, देखूं सारा संसार, चले पर्वत के उस पार, दुनिया देखन दे देखन दे, कलयुग का ये दौर,
गौरा बदली सारी दुनिया, बड़ा स्वार्थी संसार, वहां जाना है बेकार, तप कर लेन दे कर लेन दे, नन्दी पे बिठा के तू, घूमा दे भोले जोगिया ॥