आओ गणनायक राजा,
तेरी दरकार है,
देखो ये माँ साँचल का,
सच्चा दरबार है,
देखो ये माँ गौरा का,
प्यारा सा लाल है ॥
सबसे पहले तुम्हे मनाए,
रिद्धि सिद्धि संग आओ,
सभा बिच में आय विराजो,
कीर्तन सफल बनाओ,
सब मिल पहनाए तुझको,
पुष्पन के हार है,
देखो ये माँ गौरा का,
प्यारा सा लाल है ॥
लड्डू मेवा मिश्री का हम,
थाल सजाकर लाए,
रूचि रूचि भोग लगाओ देवा,
ये अमृत बन जाए,
जो इस अमृत को पाए,
उसका उद्धार है,
देखो ये माँ गौरा का,
प्यारा सा लाल है ॥
‘अमरचंद’ की विनय यही है,
जमके रस बरसाना,
तुम नाचो और हमें नचाओ,
ऐसा रंग जमाना,
‘बिन्नू’ ये भक्तजनों के,
दिल का उद्गार है,
देखो ये माँ गौरा का,
प्यारा सा लाल है ॥
आओ गणनायक राजा,
तेरी दरकार है,
देखो ये माँ साँचल का,
सच्चा दरबार है,
देखो ये माँ गौरा का,
प्यारा सा लाल है ॥
Aao Gannayak Raja, Teri Darkar Hai, Dekho Ye Maa Sanchal Ka, Sachcha Darabar Hai, Dekho Ye Maa Gaura Ka, Pyara Sa Laal Hai ॥
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