श्री शनि देव: आरती कीजै नरसिंह कुंवर की (Shri Shani Dev Aarti Keejai Narasinh Kunwar Ki)


आरती कीजै नरसिंह कुंवर की ।
वेद विमल यश गाउँ मेरे प्रभुजी ॥
पहली आरती प्रह्लाद उबारे ।
हिरणाकुश नख उदर विदारे ॥

दुसरी आरती वामन सेवा ।
बल के द्वारे पधारे हरि देवा ॥

तीसरी आरती ब्रह्म पधारे ।
सहसबाहु के भुजा उखारे ॥

चौथी आरती असुर संहारे ।
भक्त विभीषण लंक पधारे ॥

पाँचवीं आरती कंस पछारे ।
गोपी ग्वाल सखा प्रतिपाले ॥

तुलसी को पत्र कंठ मणि हीरा ।
हरषि-निरखि गावे दास कबीरा ॥
Shri Shani Dev Aarti Keejai Narasinh Kunwar Ki - Read in English
Aarti Keejai Narasinh Kunvar Ki। Ved Vimal Yash Gaun Mere Prabhuji॥ Pahali Aarti Prahlad Ubare...
Aarti Shri Shani AartiShani Dev AartiShani Jayanti AartiShanivar AartiSaturday Aarti
अगर आपको यह आरती पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

लक्ष्मीजी आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥

ॐ जय जगदीश हरे आरती

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे। भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥

श्री बृहस्पति देव की आरती

जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा । छिन छिन भोग लगा‌ऊँ..

श्री गणेश आरती

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥...

अन्नपूर्णा आरती

बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम । जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम । अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो..