श्री चित्रगुप्त स्तुति (Shri Chitragupt Stuti)


जय चित्रगुप्त यमेश तव,
शरणागतम् शरणागतम् ।
जय पूज्यपद पद्मेश तव,
शरणागतम् शरणागतम् ॥जय देव देव दयानिधे,
जय दीनबन्धु कृपानिधे ।
कर्मेश जय धर्मेश तव,
शरणागतम् शरणागतम् ॥

जय चित्र अवतारी प्रभो,
जय लेखनीधारी विभो ।
जय श्यामतम, चित्रेश तव,
शरणागतम् शरणागतम् ॥

पुर्वज व भगवत अंश जय,
कास्यथ कुल, अवतंश जय ।
जय शक्ति, बुद्धि विशेष तव,
शरणागतम् शरणागतम् ॥

जय विज्ञ क्षत्रिय धर्म के,
ज्ञाता शुभाशुभ कर्म के ।
जय शांति न्यायाधीश तव,
शरणागतम् शरणागतम् ॥

जय दीन अनुरागी हरी,
चाहें दया दृष्टि तेरी ।
कीजै कृपा करूणेश तव,
शरणागतम् शरणागतम् ॥

तब नाथ नाम प्रताप से,
छुट जायें भव, त्रयताप से ।
हो दूर सर्व कलेश तव,
शरणागतम् शरणागतम् ॥

जय चित्रगुप्त यमेश तव,
शरणागतम् शरणागतम् ।
जय पूज्य पद पद्येश तव,
शरणागतम् शरणागतम् ॥

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Shri Chitragupt Stuti - Read in English
Jai Chitragupta Yamesh Tava, Sharanagatam Sharanagatam । Jai Pujya Pad Padyesh Tav, Sharanagatam Sharanagatam ॥
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