आरती कीजै श्रीजनक लली कीदेवी जानकी की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। यह प्रसिद्ध आरती देवी सीता से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है।
॥ जानकी माता आरती ॥
आरती कीजै श्रीजनक लली की।
राममधुपमन कमल कली की॥
आरती कीजै श्रीजनक लली की...॥
रामचन्द्र, मुखचन्द्र चकोरी।
अन्तर साँवर बाहर गोरी।
सकल सुमन्गल सुफल फली की॥
आरती कीजै श्रीजनक लली की...॥
पिय दृगमृग जुग-वन्धन डोरी,
पीय प्रेम रस-राशि किशोरी।
पिय मन गति विश्राम थली की॥
आरती कीजै श्रीजनक लली की...॥
रूप-रास गुननिधि जग स्वामिनि,
प्रेम प्रवीन राम अभिरामिनि।
सरबस धन हरिचन्द अली की॥
आरती कीजै श्रीजनक लली की...॥ अगर आपको यह आरती पसंद है, तो कृपया
शेयर,
लाइक या
कॉमेंट जरूर करें!
भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस आरती को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।