श्री राधा: आरती श्री वृषभानुसुता की
आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥ त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि..
Aarti
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी, जग को तारो भोली माँ, काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा...
Aarti
आरती बाल कृष्ण की कीजै, अपना जन्म सफल कर लीजै। श्री यशोदा का परम दुलारा...
Aarti
आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन: भोग आरती
आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन, भिलनी के बैर सुदामा के तंडुल, रूचि रूचि भोग लगाओ प्यारे मोहन…
Aarti
आरती: श्री शनिदेव - जय जय श्री शनिदेव
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी। सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी॥जय जय..॥
Aarti
जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता। सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता॥
Aarti
गुरुदेव आरती - श्री नंगली निवासी सतगुरु
आरती श्री गुरुदेव जी की गाऊँ । बार-बार चरणन सिर नाऊँ ॥ त्रिभुवन महिमा गुरु जी की भारी ।
Aarti
आरती (Aarti, Arti, arati) is a special love, benevolence and gratitude songs which is the part of puja ritual with ghee or oil deepak (lamp). Aarti is performed for God, divine elements or Guru (spiritual teacher). Bhakti Bharat updates you 71+ aarti lyrics.