गुरुदेव आरती - श्री नंगली निवासी सतगुरु
आरती श्री गुरुदेव जी की गाऊँ । बार-बार चरणन सिर नाऊँ ॥ त्रिभुवन महिमा गुरु जी की भारी ।
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श्री जगन्नाथ आरती - चतुर्भुज जगन्नाथ
चतुर्भुज जगन्नाथ, कंठ शोभित कौसतुभः ॥ पद्मनाभ, बेडगरवहस्य, चन्द्र सूरज्या बिलोचनः
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जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता। सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता॥
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श्री शनि देव: आरती कीजै नरसिंह कुंवर की
आरती कीजै नरसिंह कुंवर की। वेद विमल यश गाउँ मेरे प्रभुजी॥ पहली आरती प्रह्लाद उबारे। हिरणाकुश नख उदर विदारे...
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ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामी जय चित्रगुप्त हरे। भक्तजनों के इच्छित, फल को पूर्ण करे॥
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हवन-यज्ञ प्रार्थना: पूजनीय प्रभो हमारे
पूजनीय प्रभो हमारे, भाव उज्जवल कीजिये। छोड़ देवें छल कपट को, मानसिक बल दीजिये॥
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श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरी । राजेश्वरी जय नमो नमः ॥ करुणामयी सकल अघ हारिणी..
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ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी। ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा शिव हरि शंकर, रुद्रौ पालन्ती।
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आरती सरस्वती जी: ओइम् जय वीणे वाली
ओइम् जय वीणे वाली, मैया जय वीणे वाली, ऋद्धि-सिद्धि की रहती, हाथ तेरे ताली।...
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आरती (Aarti, Arti, arati) is a special love, benevolence and gratitude songs which is the part of puja ritual with ghee or oil deepak (lamp). Aarti is performed for God, divine elements or Guru (spiritual teacher). Bhakti Bharat updates you 71+ aarti lyrics.