400 वर्ष पहले तालाब के किनारे जब स्वयंभू शिवलिंग अवतरित हुए, उस स्थान पर एक सामौर बाबा मंदिर का निर्माण किया गया। पानी के तालाब के समीप होने के कारण इसे समौर और भगवान शिव को उनके भक्तों के द्वारा बाबा का संबोधन भी दिया गया है इसलिए भक्त इस मंदिर को समौर बाबा मंदिर के नाम से पुकारते हैं।
महा शिवरात्रि, सावन के सोमवार तथा मोहर छठ यहाँ के सबसे लोकप्रिय त्योहार हैं। मोहर छठ के दिन नये विवाहित दंपति की सास शादी के दौरान सिर पर पहिनी गये स्वाफा की मोहर सिराने (प्रवाहित/समर्पित) करने आती हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार के नवनिर्वाचित कैबिनेट मंत्री माननीय ठा. जयवीर सिंह का पैतृक गाँव करहरा के इस धाम के सौंदर्यीकरण का निर्णय मंत्री जी ने पद संहालते ही लिया। 9 अप्रैल 2023 को माननीय मंत्री ठा. जयवीर सिंह जी ने इस विकास कार्य प्रॉजेक्ट का शिलान्यास किया, जैसे कि सामौर बाबा मंदिर दिव्य तो था ही अब यह एक आकर्षक एवं सुंदर पर्यटक स्थान भी बन गया है।
After daughter`s marriage, people offer the top of the turbans (mohar) to Samaur Baba which is used by their son-in-law during marriage rituals.
Most of the local people send their first invitation to Samaur Baba for marriage, birthday or any other celebration.
An extra ordinary shaped Jamun(जामुन, jambul, jaman, black plum or Indian blackberry) tree is always present with Shiv Temple. As per local community of people, this jamun tree is home of Naag Devta as the sevak of this holy place.
A huge banyan tree near temple. As per Hindu calendar, in the month of Sawan a large mela organised by devotees.
High mobile tower but never be taller than Samor Baba. A full view from Paigu Road near river Aab Ganga
सामौर बाबा मंदिर
9 April 2023
माननीय मंत्री ठा. जयवीर सिंह जी द्वारा विकास कार्य का शिलान्यास।
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