वृंदावन अपने अंदर धर्म के प्रति निरंतरता का भाव बनाये हुए है। वृंदावन में पुराने मंदिर हैं जिनके साथ साथ अब यह नये मंदिर भी बनते जा रहे हैं। आज-कल श्रद्धालु इन नवीन स्थानों और मंदिरों का रुख किये हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि हम भारतीय मनोंरजन में भी पवित्रता के तत्व देखते हैं। यही कारण है कि समय के साथ धार्मिक लोग अपने स्थानों का रूप भी बदल रहे हैं। मुख्य बात यह है कि जीवन में जीवंतता बनी रहे इस बात को भारतीय मानते हैं। इसका नजारा इतना अद्भुत है कि इसे देखकर कोई भी राधे-राधे कहे बिना नहीं रह सकता।
वृंदावन में 54 एकड़ में बना यह प्रेम मंदिर 125 फुट ऊंचा, 122 फुट लंबा और 115 फुट चौड़ा है। इसमें हरियाली भरे बगीचे, फव्वारे, श्रीकृष्ण और राधा की मनोहर झांकियां, श्रीगोवर्धन धारण लीला, कालिया नाग दमन लीला, झूलन लीलाएं दिखाई गई हैं। यहां संगमरमर की चिकनी पट्टियों पर श्री राधा गोविंद के सरल दोहे लिखे गए हैं, जिससे इन्हें भक्त आसानी से पढ़ और समझ सकें।
बाहरी दीवारों पर मथुरा एवं द्वारका की लीलाएं क्रमबद्ध रूप से चित्रित हैं। कुब्जा-उद्धार, कंस-वध, देवकी-वसुदेव की कारागृह से मुक्ति, सान्दीपनी मुनि के गुरुकुल में जाकर कृष्ण-बलराम का विद्याध्ययन, रुक्मिणी-हरण, सोलह हजार एक सौ आठ रानियों का वर्णन, नारद जी द्वारा श्रीकृष्ण की गृहस्थावस्था के दर्शन, श्रीकृष्ण का अपने अश्रुओं द्वारा सुदामा के चरण पखारना, सुदामा एवं उनके परिवार का एक रात्रि में काया-पलट, कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण का गोपियों से पुनर्मिलन, रुक्मिणी आदि द्वारिका की रानियों का श्रीराधा एवं गोपियों के साथ मिलन, श्रीकृष्ण द्वारा उद्धव को अंतिम उपदेश एवं दर्शन तत्पश्चात स्वधाम-गमन आदि लीलाएं भी चित्रित की गई हैं।
Find Complete darshan of Prem Mandir from main gate to main campus, including all jhanki, slowly move daylight to multi-color light.
Road side entry at evening with wide horizontal white marbled view.
Micro level attractive nakkashi on Italian karara marble wall. How beautifully gates are naturally decorated.
After walking few foot steps, one can discovered a view of Shri Krishna Govardhan Leela.
After entrance, devotee pull their shoes in free deposit area. With drinking water and gift center. All these facilities are available on the right side from main gate.
After bathing with divine love of Shri Radha-Krishna and Shri Sita-Ram, find a end point of day with little lightning. Photography is prohibited inside the temple.
When devotees move towards exit from main prayer hall, get a beautiful view of Shri Krishna Raas Leela.
After given half an hour to food area, one can visualise a different world of lighting. Now Shri Krishna Leela appears as real Raas Leela.
Now temple`s white marble transmitted to multi color spiritual world, it turns entire environments towards Shri Radha Krishna Raas Leela.
In colourful Raas Leela mood, entire color theme synchronises luminates all Leela Sthali, Temple and main gate with consistent change the color of lighting.
Yellow, golden, orange, pink, white all colors are playing with each other, and create a new horizons of Raas Leela
Remember: Next to Shri Krishna Leela, there is a huge cafet area having a large variety of satvik food. Specially pizza with lot of cow butter, un-matchable taste.
At 7:00 PM, a dynamic fountain show initiated near food area. There is no cost associated with this show. No barrier of view angle, select place according to your choice.
Most amazing effect in fountain show is projector effect of fountain. A short movie clip run on these fountain on the basic of Shri Krapalu Maharaj life.
After completion of fountain show, moving through back side of temple with multiple color combination of shaded light.
प्रेम मंदिर
प्रेम मंदिर
प्रेम मंदिर
One more Leela sthali appears, called Shri Krishna Kaliya Naag leela with huge real mechanical animation.
Few more nature related jhaki with birds, tree and plants can also view.
At the time of exiting, main gate changes with multi color lighting effect, also bathing with Pren Leelas.
Also View: A large shabha grah can also be visible from back side of temple.
प्रेम मंदिर
1993
श्यामा श्याम धाम में सत्संग भवन, जिसका उद्घाटन जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने किया था।
14 January 2001
प्रेम मंदिर की नीव रखी गई।
18 September 2015
सभी तीन जेकेपी के बीच सबसे बड़ा अस्पताल का उद्घाटन किया गयापराह्न (साप्ताहिक बंद बृहस्पतिवार को)
17 February 2012
प्रेम मंदिर, होली पूर्णिमा का उद्घाटन
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