नया हनुमान मंदिर लखनऊ अलीगंज में स्थित है। हनुमान जी का यह मंदिर अद्भुत और चमत्कारी मंदिर है। कहा जाता है कि, जब मंदिर का निर्माण हो रहा था तब हनुमान जी ने साक्षात रूप में यहां के महंत को दर्शन दिए थे। तभी से इस मंदिर को सिद्ध पीठ भी माना जाता है। कई भक्तों ने भी इस मंदिर के बारे में यही बताया है कि यहॉँ आने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
नया हनुमान मंदिर इतिहास और वास्तुकला
लखनऊ में स्थित हनुमान जी का यह मंदिर आज से काफी समय पुराना बताया जाता है। हनुमान जी के इस मंदिर में हनुमान जी का मुख उत्तर दिशा की ओर है। कहा जाता है, कि इस मंदिर का निर्माण सन् 1783 में हुआ था। और यहां हनुमान जी अपनी साक्षात रूप में विराजमान रहते हैं।
मंदिर का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है। एक किवदंती के अनुसार, जब भगवान श्री राम, सीता और लक्ष्मण लंका पर विजय प्राप्त करके वापस अयोध्या आ गए थे। उसके पश्चात अयोध्या की जनता ने माता सीता पर मिथ्या आरोप लगाए। इस बात से चिंतित होकर भगवान श्री राम ने लक्ष्मण को आदेश दिया, कि वह सीता को वन में छोड़कर आए। इसके पश्चात जब लक्ष्मण माता सीता को वनवास छोड़ने जा रहे थे, तभी रास्ते में शाम हो गई। लक्ष्मण उस समय लक्ष्मण टीला पर चले गए थे, जबकि हनुमान माता सीता की रक्षा करने के लिए इस स्थान पर मौजूद थे। तभी से इस स्थान को सिद्धपीठ कहा जाने लगा।
अवध के नवाब वाजिद अली शाह भी हनुमान जी के इस सिद्ध पीठ की महिमा से इतने प्रभावित थे, कि वे स्वयं यहां हनुमान जी के दर्शन करने आते थे, और साथ ही अपनी बेगम को भी लाते थे और यहां भंडारे का आयोजन करते थे। नवाब वाजिद अली शाह ने इस मंदिर का सुंदरीकरण भी करवाया था और इस मंदिर के ऊपर एक चांद लगवाया था जो कि आज भी इस मंदिर के शिखर पर मौजूद है। मंदिर का इतिहास विस्तार में जानने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें
नया हनुमान मन्दिर का प्राचीन इतिहास
नया हनुमान मंदिर का दर्शन समय
भगवान हनुमान जी का यह मंदिर प्रतिदिन प्रातः 5:00 बजे खुल जाता है और दोपहर 12:00 बजे विश्राम के समय इस मंदिर के पट बंद हो जाते हैं, तथा पुनः शाम को 4:00 बजे यह मंदिर खुलता है, और शाम 10:00 बजे इस मंदिर के पट बंद हो जाते हैं और इस मंदिर में दिन में दो बार आरती होती है। प्रातः 9:00 बजे आरती होती है तथा रात 9:00 बजे आरती होती है।
नया हनुमान मंदिर के प्रमुख त्यौहार
हनुमान जयंती, राम नवमी, नवरात्रि और दिवाली जैसे प्रमुख हिंदू त्योहारों को मंदिर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इन अवसरों पर विशेष पूजा, भजन और धार्मिक प्रवचन आयोजित किए जाते हैं। विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को लखनऊ के सभी हिस्सों से भक्त दर्शन करने आते हैं।
बड़ा मंगल
हर वर्ष ज्येष्ठ माह के प्रथम मंगलवार को शुरू होने वाला बड़ा मंगल का मेला अपने आप में एक अनूठा उत्सव है। इस मेले में दूर दूर से भक्तगण आते हैं। यहां बड़ा मंगल पर बहुत ही बड़ा भंडारा होता है। बड़े मंगलों पर एक बड़ा मेला का भी आयोजन होता है।
कैसे पहुंचे नया हनुमान मंदिर
नया हनुमान मंदिर लखनऊ अलीगंज में स्थित है। लखनऊ शहर अन्य शहरों से सड़क मार्ग, रेलवे और हवाई मार्ग से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। श्रद्धालु यहां तक बहुत आसानी से पहुंच सकते हैं।
❀ यह मंदिर वास्तव में शांतिपूर्ण है और इसकी शांति आपको स्वर्ग जैसा महसूस कराएगी।
❀ मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के बगल में एक बेहद खूबसूरत बगीचा भी है।
❀ मंदिर परिसर में ही पंपा सरोवर नामक विशाल जल कुण्ड स्थित है, जिससे अंदर बतखें विहार करतीं हुई देखी जा सकती हैं। सरोवर के ही अंदर फुब्बारे भी लगे हुए हैं।
❀ मंदिर द्वारा संचालित सीता रसोई की सहायता से भक्त रसोई का निर्धारित शुल्क चुका कर भगवन को भोग अर्पण कर सकते हैं।
❀ प्रत्येक मंगल एवं शनिवार को मंदिर सारे दिन खुला रहता है, तथा 24 घंटे का अखंड सीता-राम पाठ चलता है।
❀ प्रत्येक शनिवार को परिसर में शाम 7 बजे से रात 9 बजे तक भजन संध्या का आयोजन किया जाता है।
❀ मंदिर के सभी पुजारी एवं सेवादारों मंदिर कार्यालय द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड एवं कार्य शैली का पालन करते हैं।
❀ मंदिर के बाहरी प्रांगण में मन को प्रशन्न करने वाला हरियाली भरा गार्डन है।
❀ मंदिर में विकलांगों के लिए व्हीलचेयर जैसी आधुनिक सुविधा उपलब्ध है।
❀ मंदिर के सभी सेवादारों के लिए बायोमेट्रिक्स सिस्टम द्वारा काम किया जाता है।
❀ यह नया अलीगंज मंदिर है, अलीगंज में 1.2 किलोमीटर की दूरी पर 2 हनुमान जी मंदिर हैं। इसलिए नए और पुराने भ्रमित न हो।
मंदिर के मुख्य परिसर में घंटे एवं घंटियां
श्री हनुमान जी महाराज के दर्शन
मुख्य मंदिर का शिखर
पम्पा सरोवर का मनोहरकारी दृश्य
मंदिर का प्रवेश द्वार
हरियाली भरा सुन्दर वातावरण
मंदिर का वाह्य प्रवेश द्वार
भगवन शिव का प्रतीक शिवलिंग अपने गणों के साथ
मंदिर परिसर में शुद्ध प्रसाद की दुकानें
मंदिर का 20 किलोवाट का सोलर पावर प्लांट
मंदिर के मुख्य परिसर के अंदर का शिव मंदिर
मंदिर के गर्भगृह में श्री हनुमान जी महाराज का प्रमुख विग्रह
भगवन शिव का परिसर के बाहर वाला मंदिर
भगवन परशुराम जी का विग्रह
कथा, कीर्तन और ध्यान के लिए बनाया गया सभागार
शिवलिंग अपने गणों के साथ
मंदिर को ऑनलाइन अपनी सहयोग राशि देने हेतु QR कोड
Saturday, 31 August 2024
अगस्त 2024 को मंदिर में 20 किलोवाट की सोलर क्षमता वाली विद्युत प्रणली का आरम्भ किया गया।
27 April 2009
भगवान परशुराम के विग्रह की स्थापना की गई थी।
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