मासिक शिवरात्रि व्रत कब है? - Masik Shivratri Vrat Kab Hai?
आषाढ़ कृष्ण मासिक शिवरात्रि व्रत : बृहस्पतिवार, 4 जुलाई 2024 [दिल्ली]
चतुर्दशी तिथि : 4 जुलाई 2024 5:54 AM- 5 जुलाई 2024 4:57 AM
पौष कृष्ण चतुर्दशी मासिक शिवरात्रि व्रत : जनवरी 9, 2024, मंगलवार
चतुर्दशी तिथि : 10:24 PM, जनवरी 09 - 08:10 PM, जनवरी 10
माघ, कृष्ण चतुर्दशी मासिक शिवरात्रि व्रत : फरवरी 8, 2024, बृहस्पतिवार
चतुर्दशी तिथि : 11:17 AM, फरवरी 08 - 08:02 AM, फरवरी 09
फाल्गुन, कृष्ण चतुर्दशी मासिक शिवरात्रि व्रत, महा शिवरात्रि : मार्च 8, 2024, शुक्रवार
चतुर्दशी तिथि : 09:57 PM, मार्च 08 - 06:17 PM, मार्च 09
चैत्र कृष्ण चतुर्दशी मासिक शिवरात्रि व्रत : अप्रैल 7, 2024, रविवार
चतुर्दशी तिथि : 06:53 AM, अप्रैल 07 - 03:21 AM, अप्रैल 08
वैशाख, कृष्ण चतुर्दशी मासिक शिवरात्रि व्रत : मई 6, 2024, सोमवार
चतुर्दशी तिथि : 02:40 PM, मई 06 - 11:40 AM, मई 07
ज्येष्ठ, कृष्ण चतुर्दशी मासिक शिवरात्रि व्रत : जून 4, 2024, मंगलवार
चतुर्दशी तिथि: 10:01 PM, जून 04 - 07:54 PM, जून 05
आषाढ़, कृष्ण चतुर्दशी मासिक शिवरात्रि व्रत : जुलाई 4, 2024, बृहस्पतिवार
चतुर्दशी तिथि : 05:54 AM, जुलाई 04 - 04:57 AM, जुलाई 05
श्रावण शिवरात्रि, मासिक शिवरात्रि व्रत: अगस्त 2, 2024, शुक्रवार
चतुर्दशी तिथि: 03:26 पी एम, अगस्त 02 - 03:50 PM, अगस्त 03
भाद्रपद, कृष्ण चतुर्दशी मासिक शिवरात्रि व्रत: सितम्बर 1, 2024, रविवार
चतुर्दशी तिथि : 03:40 AM, सितम्बर 01 - 05:21 AM, सितम्बर 02
आश्विन, कृष्ण चतुर्दशी मासिक शिवरात्रि व्रत: सितम्बर 30, 2024, सोमवार
चतुर्दशी तिथि : 07:06 PM, सितम्बर 30 - 09:39 PM, अक्टूबर 01
कार्तिक, कृष्ण चतुर्दशी मासिक शिवरात्रि व्रत: अक्टूबर 30, 2024, बुधवार
चतुर्दशी तिथि : 01:15 PM, अक्टूबर 30 - 03:52 PM, अक्टूबर 31
मार्गशीर्ष, कृष्ण चतुर्दशी मासिक शिवरात्रि व्रत: नवम्बर 29, 2024, शुक्रवार
चतुर्दशी तिथि : 08:39 AM, नवम्बर 29 - 10:29 AM, नवम्बर 30
पौष, कृष्ण चतुर्दशी मासिक शिवरात्रि व्रत: दिसम्बर 29, 2024, रविवार
चतुर्दशी तिथि : 03:32 AM, दिसम्बर 29 - 04:01 AM, दिसम्बर 30
मासिक शिवरात्रि व्रत की पूजा विधि क्या है?
❀ चतुर्दशी तिथि पर सुबह उठकर स्नान करें और सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण करें।
❀ भगवन के सामने द्वीप प्रज्वलित कर व्रत का संकल्प लिया जाता है ।
❀ पूरे दिन उपवास करने के बाद प्रदोष काल में किसी मंदिर में जाकर पूजा करनी चाहिए।
❀ यदि आप मंदिर नहीं जा सकते हैं तो पूजा स्थल या घर के साफ-सुथरे स्थान पर शिवलिंग स्थापित करके पूजा करनी चाहिए।
❀ शिवलिंग पर दूध, दही, शहद, घी, बेलपत्र और गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए।
❀ पूजा और अभिषेक के दौरान शिव जी के पंचाक्षरी मंत्र नमः शिवाय का जाप करते रहें।