Updated: Feb 17, 2025 17:34 PM |
बारें में | संबंधित जानकारियाँ | यह भी जानें
Phulera Dooj Date: Thursday, 19 February 2026
फाल्गुन माह की द्वितीया को मनायी जाने वाली फुलेरा दूज, होली आगमन का प्रतीक मानी जाती है। उत्तर भारत के गांवों में फुलेरा दूज का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। फुलेरा दूज के बाद से ही होली की तैयारियां शुरू कर दीं जातीं हैं। कुछ लोग इसे होली रखने वाले दिन के रूप में भी जानते हैं। इस त्यौहार से गुलरियाँ बनाने का कार्य शुरू किया जाता हैं।
इस त्यौहार को फूलों से रंगोली बनाई जाती है तथा विशेष रूप से श्री राधाकृष्ण का फूलों से श्रंगार करके उनकी पूजा की जाती है। ब्रजभूमि के श्री कृष्ण मंदिरों में इस त्यौहार का महत्व सर्वाधिक है। इस दिन मथुरा और वृंदावन में सभी मंदिरों को फूलों से सजाया जाता है और फूलों की होली खेली जाती है। भगवान कृष्ण के मंदिरों में भजन गाये एवं सुने जाते हैं।
ऐसी भी मान्यता है कि, फुलैरा दूज इस माह का सबसे शुभ दिन होता है और इस दिन किसी भी शुभ कार्य को किया जा सकता है। सर्दी के मौसम के बाद इसे विवाह का अंतिम शुभ दिन माना जाता, अतः इस दिन किसी भी मुहूर्त में शादी की जा सकती है। परंतु ज्योतिष विज्ञान के कई ज्ञाता यह दिन प्रति पल शुभ है, इस तथ्य को स्वीकार नहीं करते हैं।
संबंधित अन्य नाम | फुलरिया दूज, फुलैरा दूज |
शुरुआत तिथि | फाल्गुन शुक्ल द्वितीया |
कारण | फाल्गुन मास का सबसे पवित्र दिन। |
उत्सव विधि | होली, होली की तैयारियाँ, भजन, कीर्तन। |
Phulera Dooj celebrated on the second day of Phalguna month, celebrated as a symbol of Holi arrival
फुलेरा दूज कब है?
शनिवार, मार्च 1, 2025
फाल्गुन द्वितीया तिथि : 1 मार्च 2025 को 3:16 AM - 2 मार्च 2025 को 12:09 AM
गुलरियाँ
गुलरियाँ का प्रयोग होलिका दहन के समय किया जाता है। गूलरियाँ को गाय के गोबर से गोल-गोल टिक्की आकर देकर उनके बीच में छिद्र बना दिया जाता है। सूखने के बाद उन्हें एक धागे मे पिरो लिया जाता है, जिसे गूलरियों की माला कहा जाता है।
इन गुलरियाँ के निर्माण के साथ एक दिलचस्प तथ्य यह है कि इन्हें केवल फुलेरा दूज से ही बनाना / निर्माण शुरू कर सकते हैं।
संबंधित जानकारियाँ
भविष्य के त्यौहार
10 February 202727 February 20286 March 202815 February 2029
शुरुआत तिथि
फाल्गुन शुक्ल द्वितीया
समाप्ति तिथि
फाल्गुन शुक्ल द्वितीया
कारण
फाल्गुन मास का सबसे पवित्र दिन।
उत्सव विधि
होली, होली की तैयारियाँ, भजन, कीर्तन।
महत्वपूर्ण जगह
मथुरा, वृंदावन, श्री कृष्ण मंदिर, उत्तर भारत।
पिछले त्यौहार
1 March 2025, 12 March 2024, 21 February 2023, 4 March 2022
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