शरद कोजागरी पूजा भारतीय राज्य जैसे उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और असम में अश्विन पूर्णिमा के दौरान देवी लक्ष्मी को समर्पित है। लक्ष्मी पूजा का यह दिन कोजागरी पूर्णिमा या बंगला लक्ष्मी पूजा के रूप में भी जाना जाता है। हालांकि भारत में अधिकांश लोग दिवाली के दिन ही देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं।
कोजागरी पूजा के कारण इस त्यौहार को कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। यह पूर्णिमा उत्तर भारत में शरद पूर्णिमा के नाम से प्रसिद्ध है। हिंदू धर्म के अनुसार इस रात लक्ष्मी माता यह देखने के लिए घूमती हैं कि कौन रात्रि जागरण कर रहा है। रात्रि जागरण करने वाले व्यक्ति का महालक्ष्मी कल्याण करती हैं।
कोजागरी पूर्णिमा की रात को दीपावली से भी ज्यादा खास माना जाता है क्योंकि इस रात स्वयं मां लक्ष्मी अपने भक्तों को संपत्ति देने के लिए आती हैं। कहा जाता है कि अगर इस रात आपको धन का खजाना पाना है तो देवी लक्ष्मी की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
संबंधित अन्य नाम | कोजागरी पूर्णिमा, कोजागरी लक्ष्मी पूजा, लक्ष्मी पूजा, कोजागर पूर्णिमा |
शुरुआत तिथि | आश्विन शुक्ला पूर्णिमा |
कारण | लक्ष्मी पूजन दिवस |
उत्सव विधि | व्रत, पूजा, व्रत कथा, भजन-कीर्तन, लक्ष्मी पूजा |
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