भक्तमाल | दत्तात्रेय
अन्य नाम - त्रिनाथ (तीन हिंदू देवताओं ब्रह्मा, विष्णु और शिव का अवतार)
गुरु - आत्मान, 24 गुरु
जन्म - मार्गशीर्ष की पूर्णिमा |
दत्त जयंती
जन्म स्थान - महुर गांव, महाराष्ट्र
दर्शन - आदिनाथ सम्प्रदाय
पिता- अत्रि
माता - अनसूया
पत्नी - अनघा
पुराणों के अनुसार, भगवान दत्तात्रेय देवता हैं जो ब्रह्मा, विष्णु और शंकर के संयुक्त रूप हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार श्री दत्तात्रेय भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं। वे आजीवन ब्रह्मचारी और अवधूत रहे, इसलिए उन्हें सर्वव्यापी कहा जाता है।
उन्हें गुरु और भगवान दोनों का रूप माना जाता है, जिसके कारण उन्हें श्री गुरुदेवदत्त और परब्रह्ममूर्ति सद्गुरु भी कहा जाता है। मान्यता है कि इनकी पूजा करने से साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति का वरदान प्राप्त होता है। दत्तात्रेय जयंती पर पूजा के दौरान इनकी कथा सुनने से हर मनोकामना पूरी होती है।
अगर आपको यह भक्तमाल पसंद है, तो कृपया
शेयर,
लाइक या
कॉमेंट जरूर करें!
भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भक्तमाल को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।