ओंकार स्वरूपा सदगुरु समर्था
अनाथाच्या नाथा तुज नमो॥ धृ ॥
नमो मायबापा गुरु कृपाघना
तोडी या बंधना मायामोहा
मोहोजाल माझे कोण निरशील
तुजविण दयाला सदगुरुराया॥ 1 ॥
सदगुरु राया माझा आनंदसागर
त्रैलोक्या आधार गुरुराव
गुरुराव स्वामी असे स्वयंप्रकाश
ज्यापुढे उदास चंद्र, रवी
रवी, शशी, अग्नी नेणती ज्या रुपा
स्वप्रकाश रुपा नेणे वेद ॥ 2 ॥
एका जनार्दनी गुरु परब्रम्ह
तयाचे पै नाम सदा मुखी ॥ 3 ॥
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया
शेयर,
लाइक या
कॉमेंट जरूर करें!
भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।