श्री शिव नवग्रह मंदिर धाम, भगवान शिव की उपस्थिति के साथ नवग्रह को समर्पित है। मंदिर का एक मुख्य भाग शनि धाम के रूप मे श्री शनि महाराज जी को समर्पित है।
भालका तीर्थ के बारे में मान्यता है कि यहाँ पर विश्राम करते समय भगवान श्री कृष्ण के बाएं पैर में शिकारी ने गलती से बाण मारा था। जिसके पश्चात् उन्होनें पृथ्वी पर अपनी लीला समाप्त करते हुए निजधाम प्रस्थान किया।
श्री रमेश्वरदास जी महाराज की प्रेरणा से निर्मित बड़ा हनुमान मंदिर, जिसके प्रांगण मे स्थित है 41 फुट उँची श्री हनुमान जी की विशाल मूर्ति।
पेशवा कालीन यह ऐतिहासिक मंदिर सन् 1600 के आस-पास से पूना शहर के गणेशपेठ में स्थित है, जिसे डुल्या मारुति मंदिर के नाम से ख्याति प्राप्त है।
तमिल संस्कृति को सजोए रामकृष्ण पुरम की पहाड़ी पर स्थित भगवान मुरुगन का यह उत्तरा स्वामीमलाई मंदिर(तमिल: உத்தர சுவாமி மலை கோவில்) दिल्ली में मलाई मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।
सन् 1983 से श्री गायत्री शक्तिपीठ द्वारिका मे माँ गायत्री का एक मात्र मंदिर है, जिसके साथ-साथ यहाँ धार्मिक यात्रियों के रुकने के लिए धर्मशाला भी जुड़ी हुई है।
वसुंधरा के इस श्री दिगंबर जैन मंदिर में, मकराना पत्थर से बने सुंदर से बेदी/मंच पर, धातु से निर्मित भगवान महावीर जी की 41 इंच ऊंची सुनहरे रंग का विग्रह रूप विराजमान है।
धन धन भोलेनाथ बॉंट दिये, तीन लोक इक पल भर में ऐसे दीनदयाल मेरे दाता, भरे खजाना पल भर में॥
इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी, ब्रज/वृंदावन में आ गए।
भज मन राम चरण सुखदाई॥ जिहि चरननसे निकसी सुरसरि संकर जटा समाई..
चित्रकूट के घाट घाट पर, शबरी देखे बाट, राम मेरे आ जाओ, राम मेरे आ जाओ...
नई दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद के प्रमुख भगवान शिव मंदिर:
कलयुग प्रारंभ होने से पहिले, महाभारत युद्ध के समय से या उससे भी पहिले से बने दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर हैं।
सूर्य देव के पुत्र श्री शनिदेव, नवग्रह के सदस्यों में से एक शनि ग्रह है। भक्त, साप्ताहिक दिन शनिवार को मुख्यतया इनकी पूजा-अर्चना करते हैं।
बाल समय रवि भक्षी लियो तब।.. लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।...
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ, अज्ञानता से हमें तार दे माँ।
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता, या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।...
यही है प्रार्थना प्रभुवर! जीवन ये निराला हो। परोपकारी, सदाचारी व लम्बी आयुवालो हो॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥
जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥
आप मुम्बई मेँ जुहू चौपाटी पर चल रहे हैं और सामने से एक सुन्दर लडकी आ रही है, तो आप क्या करोगे?
सेठजी के होश उड़ गए, वो तो बैठ गए वहीं पर। रात हो गई, सेठजी वहीं सो गए कि कहीं संतजी की तबियत बिगड़ गई तो कम से कम बैद्यजी को दिखा देंगे..
दो भाई थे। परस्पर बडे़ ही स्नेह तथा सद्भावपूर्वक रहते थे। पर एक दिन किसी बात पर दोनों में कहा सुनी हो गई..
11 मार्च 2021 को संपूर्ण भारत मे महा शिवरात्रि का उत्सव बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाएगा। महा शिवरात्रि क्यों, कब, कहाँ और कैसे? | आरती: | चालीसा | मंत्र |नामावली | कथा | मंदिर | भजन
महाबलिपुरम का शोर मंदिर एक मंदिर में एक ताज़ा दोषरहित शिल्प है, जो ग्रांडोस द्रविड़ वास्तुकला से अलग है और इसमें सुरक्षात्मक तोड़ पानी के पीछे लहरों पर निर्मित स्तंभ थे।
यह एकादशी तिथियाँ केवल वैष्णव सम्प्रदाय इस्कॉन के अनुयायियों के लिए मान्य है | Tuesday, 9 March 2021 विजया एकादशी व्रत कथा
हिंदू समाज में पूजा के बाद पंचामृत प्रसाद के रूप में दिया जाता है। आइये जानते हैं! पंचामृत बनाने की सरल विधि..
भोग लगाने के लिए सूजी का हलवा तैयार करने के सरल विधि...
...तिल से चिट-चिट की आवाज आना बंद होज़ाये तो समझिए सारे तिल भुन गये हैं।