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अष्टलक्ष्मी मंदिर, चेन्नई @Chennai, Tamil Nadu
महालक्ष्मी मंदिर, पुणे @Pune, Maharashtra
श्री महालक्ष्मी मंदिर @Mumbai, Maharashtra
मान्यता के अनुसार, भीम के पुत्र घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक को महाभारत का युद्ध मे आते समय झेंजी से प्रेम हो गया। उन्होंने युद्ध से लौटकर झेंजी से विवाह करने का वचन दिया..
सर्वसुख, राजसम्मान तथा पुत्र-प्राप्ति के लिए मंगलवार व्रत रखना शुभ माना जाता है। पढ़े हनुमान जी से जुड़ी मंगलवार व्रत कथा...
जो प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन पड़ता है वह प्रदोष भौम प्रदोष व्रत या मंगल प्रदोष व्रत कहलाता है। एक नगर में एक वृद्धा रहती थी। उसका एक ही पुत्र था..
कनकधारा स्तोत्रम्: अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती, भृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम् ।
नमस्तेस्तू महामाये श्रीपिठे सूरपुजिते । शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥
नमामीश्वरं सच्-चिद्-आनन्द-रूपं, लसत्-कुण्डलं गोकुले भ्राजमनम्य, शोदा-भियोलूखलाद् धावमानं
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि...
आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज एक दिगंबर जैन आचार्य (दिगंबर जैन भिक्षु) हैं। उन्हें 1972 में आचार्य का दर्जा दिया गया था।
नरेंद्र चंचल एक भारतीय गायक थे जो धार्मिक गीतों और भजनों में माहिर थे। नरेंद्र चंचल संगीत की दुनिया में एक जाना-माना नाम थे और वह जगह-जगह माता का जगराता करते थे।
पंडित जसराज मेवाती घराने से सम्बंधित भारतीय शास्त्रीय गायक थे। उनका संगीत करियर 75 वर्षों तक चला, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि, सम्मान और कई पुरस्कार और प्रशंसाएँ मिलीं।
महाराजा अग्रसेन सौर वंश के एक वैश्य राजा थे जिन्होंने अपनी प्रजा की भलाई के लिए वणिका धर्म को अपनाया था। वस्तुतः, अग्रवाल का अर्थ है "अग्रसेन के बच्चे" या "अग्रसेन के लोग", हरियाणा क्षेत्र में हिसार के पास प्राचीन कुरु पांचाल में एक शहर, जिसे महाराजा अग्रसेन द्वारा स्थापित किया गया था।
हनुमान जी श्री राम के बहुत बड़े भक्त हैं और भगवान शिव के अवतार हैं। हनुमान जी के माता-पिता का नाम अंजना और केसरी है इसलिए उन्हें अंजनी-पुत्रा और केसरी-नंदन कहा जाता है।
नई दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद के प्रमुख भगवान शिव मंदिर:
नीचे दिए गये हैं, दिल्ली और आस-पास के राज्यों के सबसे ज्यादा प्रसिद्ध दुर्गा पूजा पंडाल मे आपको जरूर जाना चाहिए...
एक बार एक व्यक्ति था। वह एक संत जी के पास गया। और कहता है कि संत जी, मेरा एक बेटा है। वो न तो पूजा पाठ करता है और न ही भगवान का नाम लेता है।
नमस्कार और नमस्ते, एक जैसे अर्थ वाले दो शब्द। लेकिन अगर इनकी गहराई में जाया जाए तो दोनों में अंतर है। तिवारी जी एक कसबे के 12वीं तक के स्कूल में अध्यापक थे।
अनपढ़ नाविक क्या कहे, उसने इशारे में ना कहा, तब पंडित जी मुस्कुराते हुए बोले तुम्हारी तो पौनी जिंदगी पानी में गई।...
आयुध पूजा बुराई पर अच्छाई की जीत और देवी दुर्गा द्वारा राक्षस महिषासुर के विनाश के उत्सव का प्रतीक है। इसे नवरात्रि उत्सव के हिस्से के रूप में मनाया जाता है। आयुध पूजा के लिए, देवी सरस्वती, पार्वती माता और लक्ष्मी देवी को पूजा जाता है। दक्षिण भारत में विश्वकर्मा पूजा के समान लोग अपने उपकरणों और शस्त्रों की पूजा करते हैं।
मैसूर दशहरा 10 दिनों तक चलने वाला त्योहार है जो बहुत ही धूमधाम के साथ मैसूर में मनाया जाता है | मैसूर दशहरा कैसे मनाया जाता है? | मैसूर दशहरा महोत्सव 2024 कब शुरू होगा
Vijayadashami Specials | शारदीय नवरात्रि वर्ष 2024 में 3 अक्टूबर से प्रारंभ हो रही है। आइए जानें! ऊर्जा से भरे इस उत्सव के जुड़ी कुछ विशेष जानकारियाँ, आरतियाँ, भजन, मंत्र एवं रोचक कथाएँ त्वरित(quick) लिंक्स के द्वारा...
नवरात्रि में विधि-विधान से मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसके साथ ही अष्टमी और नवमी तिथि को बहुत ही खास माना जाता है, क्योंकि इन दिनों कन्या पूजन का भी विधान है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में कन्या की पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है। इससे मां दुर्गा शीघ्र प्रसन्न होती हैं।
शारदीय नवरात्र 2024 की प्रतिपदा 3 अक्टूबर गुरुवार को गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शाम 5 बजे गोरखनाथ मंदिर के शक्ति मंदिर में कलश स्थापना करेंगे। इसके साथ ही दस दिवसीय विशेष अनुष्ठान शुरू हो जायेगा।
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर का दौरा किया।
तिरूपति लड्डू पर चल रहे विवाद के बीच तिरुमला तिरूपति मंदिर में हाल ही में किया गया शुद्धिकरण अनुष्ठान, समुदाय की गहरी भक्ति और मंदिर के प्रसाद की अखंडता पर उनकी चिंता को उजागर करता है।